आपको बता दें कि ये दंपति श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर उनकी जन्मस्थली पाकिस्तान स्थित ननकाना साहेब दर्शन करने के लिए गए है। वे सोमवार रात अमृतसर रवाना हो गए थे। यहां से 6 नवंबर की सुबह वाघा बार्डर से पाकिस्तान में प्रवेश कर लाहौर और वहां से ननकाना साहेब पहुंचेंगे।
पाकिस्तान दोस्त को अच्छे लगते हैं पान
गुरभेज जुनेजा बताते है कि पाकिस्तान में उनका एक दोस्त रहता है। उसे भारत के पान बहुत अच्छे लगते हैं। उन्होंने बताया कि घर से यात्रा की शुरुआत करने से पहले ही दोस्त सलीम भाई से फोन पर बात की थी। वह पाकिस्तान में टैक्सी ड्राइवर है। चींकु उसको पान बहुत पसंद है इसलिए हम 1 हजार बंगला पान और बच्चों के लिए 100 पेन के पैकेट साथ में लेकर जा रहे हैं। साथ ही ननकाना साहेब में सेवा करने वाली हिंदू बेटियों के लिए चूड़ी और बिंदी के पैकेट साथ में लेकर जा रहे हैं।
8 दिन पहले ही हुई है दोस्ती
जुनेजा बताते है कि दोस्त सलीम से आठ दिन पहले ही दोस्ती हुई है। उन्होंने बताया कि उनके घर के पास रहने वाले राजा भसीन का परिवार कई बार ननकाना साहेब जा चुका है। उन लोगों ने ही सलीम का नंबर दिया था। जिसके बाद फोन पर बात करने से अच्छी दोस्ती हो गई है। जुनेजा कहते है कि उससे बात करने के दौरान लगा ही नहीं कि हम किसी पाकिस्तानी से बात कर रहे हैं। वो पाकिस्तान में हमारी मदद भी करेगा।