हेरंब गणेश मंदिर का चौथा स्थापना दिवस मनाया
गणेशजी की अनेक रूपों में की जाती है इनमें सबसे अद्भुत रूप है हेरंब गणेश। देश में हेरंब गणेश की गिने-चुने मंंदिर ही हैं। ऐसा ही एक मंदिर रामनगर में स्थित है जोकि प्रदेश का पहले हेरंब गणेश मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर का चौथा स्थापना दिवस शनिवार को मनाया गया। सुबह से श्री गणेश का पंचामृत से स्नान, गंगाजल से अथर्वशीर्ष का पाठ करते हुए अभिषेक किया। पंडित शैलेंद्र पांडेय, पंडित दौलतराम जोशी, महेश तिवारी ने वैदिक मंत्रोच्चार से हेरंब गणेशजी की पूजा-अर्चना कराई।
गणेशजी को लगाया 21 किग्रा लड्डू का भोग गणेशजी को 21 किग्रा लड्डू का भोग लगाया। श्रीगणेश के सहस्त्रनाम द्वारा लोक कल्याण, सुख समृद्धि और विश्व शांति की कामना करते हवन कुंड में आहूति दी गई। पूजापाठ के बाद शाम 5 बजे से दुर्गा भजन मंडल भगवानपुरा की ओर से भजन संध्या हुई।
हेरंब गणेश शीघ्र फल प्रदान करने वाले होते हैं
पंडित पांडेय ने बताया मान्यता है कि हेरंब गणेश शिव पार्वती स्वरूप हैं। उनका वाहन सिंह माता के आशीर्वाद स्वरूप साथ ही रहता है। इस कारण हेरंब गणेश शीघ्र फल प्रदान करने वाले होते हैं। हेरंब गणेश सारे अस्त्र-शस्त्रों से सुशोभित होने के कारण पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के जीवन में विघ्नों का नाश होता है।
पंडित पांडेय ने बताया मान्यता है कि हेरंब गणेश शिव पार्वती स्वरूप हैं। उनका वाहन सिंह माता के आशीर्वाद स्वरूप साथ ही रहता है। इस कारण हेरंब गणेश शीघ्र फल प्रदान करने वाले होते हैं। हेरंब गणेश सारे अस्त्र-शस्त्रों से सुशोभित होने के कारण पूजा-अर्चना करने से मनुष्य के जीवन में विघ्नों का नाश होता है।