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फर्जी डॉक्टर की दुकान में जांच में मिली सरकारी दवाई

locationखंडवाPublished: Feb 16, 2020 11:58:01 am

-विधायक की नाराजगी के बाद बीएमओ, राजस्व व पुलिस ने की छापामार कार्रवाई-ग्रामीणों ने लगाया आरोप, पहले से मिल गई थी कार्रवाई की जानकारी-फर्जी डॉक्टर की आशा कार्यकर्ता पत्नी को हटाने की मांग

फर्जी डॉक्टर की दुकान में जांच में मिली सरकारी दवाई

-विधायक की नाराजगी के बाद बीएमओ, राजस्व व पुलिस ने की छापामार कार्रवाई-ग्रामीणों ने लगाया आरोप, पहले से मिल गई थी कार्रवाई की जानकारी-फर्जी डॉक्टर की आशा कार्यकर्ता पत्नी को हटाने की मांग

खंडवा. भगवानपुरा पंचायत अंतर्गत ग्राम भुरलाय में शुक्रवार को स्वास्थ्य, राजस्व और पुलिस ने संयुक्त रूप से अपंजीकृत डॉक्टर सत्यजीत बसु के घर छापामार कार्रवाई की। कार्रवाई के दो घंटे पहले ही फर्जी डॉक्टर घर से चला गया था। यहां कार्रवाई के दौरान ऐलोपैथी या किसी भी विधा की कोई दवाई नहीं मिली। हालांकि यहां कुछ सरकारी दवा-गोली जरूर मिली। जिसे लेकर बीएमओ ने पंचनामा बनाया। उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों की शिकायत पर विधायक नारायण पटेल ने बीएमओ पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई करने को कहा था। कार्रवाई में हुई देरी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश दिखा, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर देरी की गई। डॉक्टर को पहले ही कार्रवाई की जानकारी हो गई थी।
शुक्रवार दोपहर २ बजे बीएमओ डॉ. रामकृष्ण इंगले, आरआई संतोष कुशवाह, पटवारी अभिषेक राठौर, आरक्षक प्रेमलाल गुर्जर और विभाग का दल अपंजीकृृत डॉक्टर बसु की दुकान पहुंचा। यहां जांच के दौरान कुछ नहीं मिला। जिसे लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि सब मिलीभगत का खेल है। यहां अपंजीकृत डॉक्टर की आशा कार्यकर्ता पत्नी शिप्रा बसु के खिलाफ भी ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का कहना था कि कई बार शिकायत करने के बाद भी आशा कार्यकर्ता को हटाया क्यो नहीं जा रहा है। बीएमओ का कहना था कि सरपंच, सचिव, पंचों द्वारा पंचनामा बनाकर दिया जाए, हम तत्काल कार्रवाई कर उसे हटा देंगे। कार्रवाई के दौरान स्वास्थ्य सुपरवाइजर अनिल नामदेव, संगणक डीके गुप्ता, फार्मासिस्अ अर्चना गेहलोत भी शामिल रही।
झोला लेकर आया था, डबल स्टोरी बिल्डिंग बना ली
ग्रामीणों ने बताया कि छह साल पहले फर्जी डॉक्टर बंगाल से एक झोला लेकर आया था। बिना डिग्री के गांव-गांव जाकर इलाज कर उसने दो मंजिला बिल्डिंग तक बना ली। इस दौरान उसने सांठगांठ कर अपनी पत्नी को भी आशा कार्यकर्ता बनवा दिया। पत्नी सरकारी नौकरी कम प्रायवेट में इलाज ज्यादा करती है। कार्रवाई में कुछ नहीं मिलने पर भी ग्रामीणों ने आश्चर्य जताया। ग्रामीणों का आरोप था कि फर्जी डॉक्टर को पहले ही कार्रवाई की जानकारी मिल गई थी, इसलिए उसने दुकान से सारा सामान, दवाई-गोली हटा दी। यदि समय पर जांच हो जाती तो उसकी हकीकत सामने आ जाती।
प्रस्ताव बनाकर भेजे, हटा देंगे आशा कार्यकर्ता को
तीन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की है। दुकान में इलाज किए जाने जैसा कुछ नहीं मिला। सरकारी दवाई किसी के भी घर में हो सकती है। हमने पंचनामा बना लिया है। आशा कार्यकर्ता के खिलाफ पंचायत प्रस्ताव बनाकर दे, हम तत्काल हटा देंगे।
डॉ. रामकृष्ण इंगले, बीमएओ मूंदी स्वास्थ्य केंद्र
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