निगमायुक्त का दायित्व होता है कि हर साल 30 नवंबर तक आगामी वित्तीय वर्ष के लिए आय और व्यय के प्रस्ताव तैयार कर उसे एमआईसी को प्रस्तुत करे।
काउंसिल इसमें विचार.विमर्श के बाद संशोधन कर या जैसा उचित समझे, 15 तक निगम को प्रस्तुत करे।
स्वीकृत बजट की प्रति राज्य शासन को सूचनार्थ भेजी जाए। 31 मार्च तक बजट स्वीकृत नहीं होने पर एमआईसी कि ओर से स्वीकृत बजट के अनुसार काम किया जा सकता है।
आयुक्त ने सभी विभागाध्यक्षों को लिखा है कि अनुमानित आय-व्यय बजट वर्ष 2020-21 तैयार किया जाना है। इसके लिए आंकड़े तैयार करें। इसमें ये ध्यान रखना है कि जो योजनाएं अभी चल रही हैं तथा आगामी वर्ष में भी चलेंगी, उनके आंकड़े भी शामिल करते हुए वर्ष 2020-21 के आंकड़े 15 जनवरी तक अनिवार्य रूप से लेखापाल को उपलब्ध कराएं, ताकि बजट की कार्रवाई समय से तैयार कर स्वीकृति के लिए प्रस्तुत कर सकें।
2015 में अगस्त में हुए सम्मेलन में बजट पास हुआ।
2016 में अगस्त में हुए सम्मेलन में बजट पास किया गया।
2017 में जून में सम्मेलन स्थगित, अगस्त में बजट पास।
2018 में अक्टूबर में हुए सम्मेलन में बजट पास किया गया।
2019 में नवंबर में हुए सम्मेलन में बजट को स्वीकृति मिली।
2019-20 वित्तीय वर्ष का बजट
2.60 अरब से ज्यादा आय
2.59 करोड़ से ज्यादा व्यय
36.86 लाख रुपए बजट का बजट समय पर बजट नहीं तो ये नकारात्मक प्रभाव
अलग-अलग बजट हेड में पता नहीं चलता है कि किस हेड में से कितना व्यय हो चुका है, बिना बजट प्रबंधन के भुगतान हो जाते हैं, प्राथमिकता के आधार पर काम कराने में दिक्कत आती है। ऐसे में शहर विकास के लिए कोई ठोस काम नहीं हो पाते हैं।
हिमांशु सिंह, आयुक्त, ननि