इस थाने के सीनियर कोतवाल है हनुमान जी
-थाना बनने के बाद बढ़ा था अपराध का ग्राफ, टिक नहीं पाते थे अधिकारी
-तत्कालीन टीआइ ने करवाई थी स्थापना, तब से हुई स्थिति सामान्य
खंडवा
Published: April 16, 2022 12:59:59 pm
खंडवा.
शहर स्थित मोघट रोड थाने के बारे में कहावत प्रचलित है कि यहां के सीनियर कोतवाल हनुमान जी है। थाने में आने वाले हर अधिकारी, पुलिसकर्मी यहां सेल्यूट जरूर मारते है। मोघट थाना परिसर स्थित हनुमान मंदिर में प्रतिदिन सुबह पूजा-पाठ के बाद काम आरंभ होता है। यहां हर साल हनुमान जयंती पर पुलिसकर्मियों द्वारा भंडारे का आयोजन भी किया जाता था। कोरोना महामारी के चलते दो साल से भंडारा नहीं हो पा रहा है। इस साल भी भंडारा नहीं होगा, लेकिन 51 किलो बूंदी प्रसादी वितरण की जाएगी।
शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए वर्ष 1984 में मोघट थाने का उन्नयन कर बड़े भवन में स्थापित किया गया था। इसके पूर्व मोघट थाना पास बने पुलिस क्वाटर के स्थान पर दो कमरों में चलता था। वर्ष 1984 में नया थाना बनने के बाद यहां कुछ घटनाएं ऐसी भी घटी कि इस थाने में पदस्थापना से भी पुलिसकर्मियों को डर लगने लगा था। यहां थाने में कोई भी थानेदार ज्यादा दिन टिक नहीं पाता था, किसी न किसी कारणवश थानेदार का स्थानांतरण हो जाता था। थाना क्षेत्र में अपराधों का ग्राफ भी नया थाना बनने के बाद काफी बढ़ गया था। कई पुलिसकर्मियों पर विभागीय जांच भी बैठ गई थी। जिसके बाद लोग नए थाने के बारे में तरह-तरह की बात करते थे।
प्रधान आरक्षक ने दिया था मंदिर बनाने का सुझाव
मोघट थाने को लेकर चलती चर्चाओं के बाद वर्ष 1999 में थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक कपिलदेव शुक्ला ने तत्कालीन टीआइ मानसिंह चौहान से थाना परिसर में पीछे की ओर ओटले पर रखी हनुमानजी की प्रतिमा को आगे मंदिर बनाकर स्थापित करने का सुझाव दिया था। टीआइ चौहान ने इसकी मंजूरी दी और पुलिसकर्मियों ने आपस में चंदा कर वर्ष 2000 में थाना परिसर में सामने मंदिर बनवाया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने हनुमानजी को थाने का थानेदार घोषित कर दिया। तब से यहां स्थितियां सामान्य हो गई है। हालांकि पुलिस महकमे की मानें तो मोघट थाना क्षेत्र में अपराधियों की सक्रियता के कारण वारदातें होती रहती थी। साथ ही किसी बड़े मामले में थानेदार का निलंबन होना विभाग की सामान्य प्रक्रिया होती है।
श्मशान होने की बात गलत
सेवानिवृत्त होने के बाद प्रआ केडी शुक्ला आज भी मोघट थाना परिसर स्थित मंदिर में पूजा पाठ करते है। शुक्ला ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा ये प्रचारित किया जाता है कि यहां पहले मरघट (श्मशान) हुआ करता था। ये बात गलत है, पहले यहां हीरालाल प्रजापति द्वारा ट्रक बॉडी बनाने का कार्य किया जाता था। थाना पास में ही मौजूद था। यहां कभी श्मशान नहीं रहा है। मोघट रोड को लोगों ने अपभ्रंश कर मरघट कहना शुरू कर दिया था।
करते हैं पूजा-पाठ
थाने में मंदिर होने से हम भी यहां पूजा पाठ करते हैं। मान्यता है कि यहां के थानेदार हनुमानजी है। पुलिसकर्मियों की अपनी आस्था है, इसलिए हर साल भंडारा भी आयोजित किया जाता है। इस साल भंडारे की जगह प्रसादी वितरण की जाएगी।
ईश्वरसिंह चौहान, टीआइ मोघट थाना

खंडवा. मोघट थाना परिसर स्थित हनुमानजी का मंदिर।
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