अस्पताल की पीपीई किट मिली कचरे में, मचा हड़कंप
-सिर्फ स्वास्थ्य विभाग सर्वे दल को ही दी जा रही किट
-गर्मी में परेशानी का कारण बन रही किट, पहनना मजबूरी

खंडवा.
कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए कंटेंमेंट क्षेत्र में सर्वे दलों को पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टशन इक्युपमेंट) किट प्रदान की गई है। बुधवार को पड़ावा क्षेत्र में हनुमान मंदिर के पास कचरे में एक इस्तेमाल की हुई पीपीई किट मिलने से हड़कंप मच गया। इसकी जानकारी मिलते ही नगर निगम का सफाई दल वहां पहुंचा और पीपीई किट को कचरा वाहन में डालकर ले गया। सिर्फ स्वास्थ्य दल को मिलने वाली पीपीई किट का कचरे में मिलना एक बड़ा सवाल बन गया है। स्वास्थ्य विभाग अब ये जानकारी जुटाने में लगा है कि ये किट वहां किसने फेंकी है।
कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पॉजिटिव मरीजों के घर जाकर उनके स्वास्थ्य का हाल जाना जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इन दलों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य है। बुधवार को हनुमान मंदिर के पास कचरे में मिली किट भी किसी स्वास्थ्यकर्मी की ही बताई जा रही है। सर्वे दल के स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा रोजाना सुबह सीएमएचओ कार्यालय से किट लेकर पहनी जाती है। सर्वे कार्य पूरा होने के बाद ये दल वापस सीएमएचओ कार्यालय पहुंचते है और पीपीई किट के प्रोटोकाल के तहत इसे उतारकर एक अलग बॉक्स में नष्ट करने के लिए डालते है। संभावना जताई जा रही है कि किसी शरारती तत्व द्वारा सनसनी फैलाने के लिए वहां से किट उठाकर कचरे में फेंकी गई होगी। क्योंकि सर्वे दल में पांच से छह लोग शामिल होते है और सभी साथ आते-जाते है। इसलिए स्वास्थ्यकर्मी द्वारा रास्ते में किट निकालकर फेंकना संभव नहीं है।
पुलिस के लिए परेशानी बनी किट
कंटेंमेंट क्षेत्र में लगे पुलिसकर्मियों को भी सुरक्षा के तौर पर पीपीई किट प्रदान की गई है। इसमें से कुछ पीपीई किट स्वास्थ्य विभाग या समाजसेवियों द्वारा दी गई है। कई किट स्वसहायता समूह द्वारा बनाई गई देशी किट भी है। भर गर्मी में पीपीई किट पहनकर लगातार आठ घंटे ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को ये किट भले ही कोरोना के संक्रमण से बचाव कर रही है, लेकिन गर्मी के मारे इनका बुरा हाल हो रहा है। हालांकि इन पुलिसकर्मियों का कहना है कि बड़ी बीमारी से बचने के लिए किट पहनना भी जरूरी है। थोड़ी बहुत परेशानी जरूर उठा रहे हैं, लेकिन कोरोना जैसी बीमारी से तो दूर रहेंगे।
किसी ने शरारत की होगी
हमारा स्वास्थ्य कार्यकर्ता किट उतारकर फेंकने की हरकत कभी नहीं कर सकता है। ये किसी की शरारत है। इस मामले में हम जानकारी जुटा रहे है। सुबह सभी किट पहनकर जाते है और वापस आकर उसे नष्ट करने के लिए अलग रखते है।
डॉ. मनीषा जुनेजा, सर्वे दल नोडल अधिकारी
सुरक्षा के हिसाब से पहन रहे किट
कंटेंमेंट क्षेत्र में तीन किमी के दायरे में सभी पुलिसकर्मियों को पीपीई किट दी गई है। ये वॉशेबल है और स्वास्थ्य विभाग की किट के मुकाबले सहज है। हालांकि प्रोटोकाल में ये नहीं आता, लेकिन हमारे जवानों की सुरक्षा हमारी ही जिम्मेदारी है। ये बात सही है कि गर्मी के कारण थोड़ी परेशानी जरूर आ रही है।
डॉ. शिवदायल सिंह, पुलिस अधीक्षक
चर्म रोग होने की संभावना रहती है
लगातार गर्मी में पीपीई किट पहनने से चर्म रोग होने की संभावना रहती है। शरीर हो हवा न मिलने से पसीने के कारण घमोरिया, फंगल इंफेक्शन हो सकते है। कोरोना से बचाव करना है तो थोड़ी परेशानी जरूर उठाना पड़ेगी, लेकिन बड़ी बीमारी से बचा जा सकता है।
डॉ. दुर्गेश सोनारे, चर्म रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज
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