scriptसैकड़ों लौट रहे पलायन के बाद, जांच के लिए नहीं कोई साधन | Hundreds returning after migration, no means for investigation | Patrika News

सैकड़ों लौट रहे पलायन के बाद, जांच के लिए नहीं कोई साधन

locationखंडवाPublished: Apr 03, 2020 10:04:27 pm

-दौ सौ से ज्यादा टीमें लगी बाहर से आने वालों की जांच में, सिर्फ पूछकर ही जांच-टीमों के पास नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर भी नहीं, साधारण थर्मामीटर से देख रहे बुखार-जिले में कुल 10 नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर वो भी जिला अस्पताल में

जिले में कुल 10 नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर वो भी जिला अस्पताल में

-दौ सौ से ज्यादा टीमें लगी बाहर से आने वालों की जांच में, सिर्फ पूछकर ही जांच-टीमों के पास नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर भी नहीं, साधारण थर्मामीटर से देख रहे बुखार

खंडवा. देशभर में कोरोना के संक्रमण के तेजी से फैलाव के बाद लागू किए लॉक डाउन के चलते हजारों लोग रोज पलायन कर अपने-अपने घरों को लौट रहे है। जिले में भी बाहर मजदूरी के लिए गए मजदूर परिवारों के आने का सिलसिला जारी है। वहीं, इंदौर में बढ़ते कोरोना के संक्रमण के बाद वहां से भी बड़ी संख्या में लोग खंडवा आ रहे है। इन सब की कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग की टीमों के पास कोई संसाधन ही नहीं है। जिले में संक्रमण की जांच के लिए लगाई गई टीमें सिर्फ संबंधित से पूछकर ही उसे संदिग्ध या सामान्य मान रही है।
जिले में बाहर से आए लोगों की कोरोना वायरस की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी सात ब्लॉकों में 202 टीमें लगाई गई है। इसके साथ ही शहर में 10 मोबाइल टीम और एक रेपिड रिस्पांस टीम लगा रखी है। साथ ही जिला अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार की अलग से ओपीडी भी संचालित की जा रही है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी बाहर से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। इसमें से सिर्फ जिला अस्पताल की ओपीडी और आरआरटी को छोड़ दे तो किसी के पास भी कोरोना वायरस की जांच के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं है। कोरोना की जांच में सबसे पहले बुखार की जांच की जाती है। जिसके लिए नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर बहुत ही आवश्यक है। जिला अस्पताल में 10 नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर है, जिससे ओपीडी में जांच हो रही है। वहीं, ओपीडी के डॉक्टर पूरी किट पहनकर जांच कर रहे है। जबकि बाहर घूम रही टीमों के पास सिर्फ मॉस्क के अलावा कुछ नहीं है।
आपको बुखार, सर्दी तो नहीं
जिले के सभी ब्लॉकों में जांच के लिए लगी स्वास्थ्य टीमों के पास जांच के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं होने से ये सिर्फ पूछकर ही जांच कर रहे है। टीम द्वारा बाहर से आने वाले लोगों से पूछा जा रहा है कि उन्हें बुखार तो नहीं है, या जब से आए तब से हुआ तो नहीं था। सर्दी, खांसी की तकलीफ तो नहीं हो रही है। जांच कराने वाले नहीं कहते है तो टीम के पास उसे मानने के अलावा कोई चारा नहीं है। यदि कोई कहता है कि उसे बुखार है तो टीम के पास साधारण थर्मामीटर है जिससे वो बुखार नाप रहे है। इसी थर्मामीटर का वे दूसरे लोगों पर भी उपयोग कर रहे है। हालांकि थर्मामीटर को सैनेटाइज और डिइंफेक्टेड किया जा रहा है, लेकिन यदि कोई कोरोना का संदिग्ध हुआ तो खतरा दूसरों पर भी मंडरा सकता है।
नहीं मिल रहे नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर
नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर मिलना बंद हो गए है। आसपास के जिलों की तुलना में हमारे पास सबसे ज्यादा नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर है। टीमें पूछकर ही जांच कर रही है। यदि कोई संदिग्ध लगता है तो उसे जिला अस्पताल लाकर चेक किया जा सकता है।
डॉ. योगेश शर्मा, जिला महामारी अधिकारी
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