घटनाक्रम सामने आते ही पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला की गला दबाकर और जलने से मौत होना सामने आया। इसके बाद पुलिस ने संदेह के रूप में आरोपी पति रामकृष्ण को पूछताछ के लिए थाने बुलाया। पूछताछ की तो उसने घटना के समय खुद के खेत में होने की बात कही। वहीं सीने पर लगी करोचों के संबंध में पूछा तो खेत में काम करते समय लगना बताया। इसके अलावा अन्य कहानियां सुनाकर पुलिस को दो दिन तक गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो गुनाह कबूल लिया और घटनाक्रम की हकीकत उगली।
घटनाक्रम के दौरान आरोपी के घर में तीन लीटर केरोसिन रखा था। उसने घटना के तीन दिन पहले ही राशन दुकान से केरोसिन खरीदा था। घटना के दिन उसने पुलिस से बचने और वारदात को आगजनी साबित करने के उद्देश्य से कपास के साथ पत्नी को जिंदा जलाया था, लेकिन पीएम रिपोर्ट और ससुराल पक्ष की गवाही से हत्याकांड की परतें खुलती गई। मृतका के मायके पक्ष ने पुलिस को बताया था कि आरोपी पति अक्सर बेटी से जमीन की मांग को लेकर मारपीट करता था। उससे परेशान होकर करीब आठ महीनों तक बेटी मायके में रही थी।
अगर शादी के सात साल के अंदर किसी औरत की जलने, चोट लगने या दूसरे असामान्य कारणों से मौत हो जाती है और ये पाया जाता है कि दहेज की मांग को लेकर मौत से ठीक पहले वह औरत पति या दूसरे ससुराल वालों की तरफ से क्रूरुता और उत्पीडऩ का शिकार थी। ऐसे मामलों में आरोपियों पर धारा 304 (बी) के तहत कार्रवाई की जाती है।
दहेज में दस एकड़ जमीन की मांग को लेकर हुए विवाद में पति ने ही महिला से मारपीट कर जिंदा जलाया था। आरोपी पति को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 304 (बी) के तहत प्रकरण दर्ज किया है।