गृहमंत्री बाला बच्चन के विधानसभा क्षेत्र वाले सरदार सरोवर बांध के इस डूब गांव छोटा बड़दा में लंबे समय से अवैध रेत खनन चल रहा है। वर्ष 2017 में भी यहां खदान धंसने से तीन लोगों की मौत हो चुकी है, इसके बाद भी प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाईं। 3 माह पहले भी खदान धंसने से 3 लोगों की मौत हुई, जिसमें एफआइआर तक दर्ज नहीं हुई। शनिवार को स्थानीय रेत माफिया खनन के लिए गांव से 8 मजदूरों को खदान में ले गया था। सुबह करीब 11 बजे मजदूर नीचे से खोखला कर रेत टैक्ट्रर ट्रॉली में भर रहे थे कि अचानक रेत का टीला भरभरा नीचे गिर गया। इस दौरान वहां मौजूद पांच मजदूर दब गए। वहीं मौके पर मौजूद तीन मजदूर और ट्रैक्टर चालक उन्हें बचाने की जगह भाग निकले। जब तक आसपास के लोग वहां पहुंचते, पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। मरने वालों में लल्लू (32), प्रभु क ोली (45), परसराम कोली (35), लखन धुरजी (28 ) और राकेश मानकर (30) शामिल हैं। चार मृतक हादसे वाले गांव छोटा बड़दा के ही रहने वाले हैं, वहीं मजदूर प्रभु कोली समीपवर्ती धार जिले के सिंघाना गांव का रहने वाला था और लंबे समय से गांव में ही मजदूरी कर रहा था। घटना के बाद गांव में मातम पसर गया। कलेक्टर ने तीन मजदूरों को संबल योजना के तहत 4-4 लाख की आर्थिक सहायता, एक मजदूर को 20 हजार की तात्कालिक सहायता की घोषणा की है। वहीं एक मजदूर धार जिले का होने से संबल के तहत प्रकरण धार भेजा है।
badwani madhya pradesh” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/23/bd2308_4744200-m.jpg”>illegal mining g in Narmda River, 5 died in badwani madhya pradesh IMAGE CREDIT: patrika ग्रामीण ने शव उठाने से किया मना
ग्रामीणों का कहना था कि अवैध रेत खनन के लिए गणेश पटेल सभी मजदूरों को लेकर गया था। ग्रामीणों ने अवैध खनन करने वालों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शव उठाने से मना कर दिया। मौके पर पहुंचे कलेक्टर अमित तोमर और एसपी डीआर तेनीवार के सामने भी आक्रोश जाहिर किया। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। णेश पटेल के छोटा बड़दा और अंजड़ स्थित निवास पर भी दबिश दी गई, लेकिन वो नहीं मिला।
ग्रामीणों का कहना था कि अवैध रेत खनन के लिए गणेश पटेल सभी मजदूरों को लेकर गया था। ग्रामीणों ने अवैध खनन करने वालों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शव उठाने से मना कर दिया। मौके पर पहुंचे कलेक्टर अमित तोमर और एसपी डीआर तेनीवार के सामने भी आक्रोश जाहिर किया। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। णेश पटेल के छोटा बड़दा और अंजड़ स्थित निवास पर भी दबिश दी गई, लेकिन वो नहीं मिला।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने खनिज विभाग और पुलिस पर खनन माफिया को पनाह देने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सरदार सरोवर बांध परियोजना से प्रभावित बड़वानी सहित अन्य जिलों में नर्मदा से रेत खनन पर सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी की रोक लगी हुई है। इसके बाद भी अवैध रेत खनन जारी है। बड़वानी जिले में छोटा बड़दा, पिपलूद, खेड़ी, देदला, मोहिपूरा, नंदगांव, पेंड्रा गांव में अवैध बालू खनन में तीन साल में 120 जान जा चुकी है। ये सभी अवैध रेत खदान धंसने से हुई मौत है। तीन माह पहले छोटा बड़दा में रेत खदान धंसने से 3 की मौत हुई थी, जिसमें पुलिस ने एफआइआर भी दर्ज नहीं की। उनका कहना है कि चार माह पहले पेंड्रा में 5 की मौत, छह माह पहले पिपलाज में एक की मौत, 9 माह पहले देदला में 4 की मौत हुई थी। इन सबमें एफआइआर तो हुई, लेकिन आरोपी पकड़ मेें नहीं आए।
ग्रामीणों ने बताया कि छोटा बड़दा में कई अवैध रेत खदान हैं। जिन्हें अलग-अलग रेत माफिया ने बांट रखी है। सुबह 4 बजे से रेत माफिया गांव से मजदूर ले जाकर खनन शुरू करते हैं। एक दिन में एक खदान से औसतन 25 ट्रैक्टर-ट्रॉली से ज्यादा रेत निकाली जाती है। एक ट्रैक्टर ट्रॉली भरने के लिए मजदूरों को 40-40 रुपए मिलते है। कई बार ग्रामीण अवैध रेत खनन का विरोध कर चुके हैं, लेकिन पुलिस की मिलीभगत के चलते रेत माफिया के हौसले बुलंद हैं।
अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है। हमारे पास आंकड़े भी हैं। जहां भी सूचना मिलती है वहां, पुलिस और खनिज विभाग कार्रवाई करते हैं। अवैध रेत खनन को लेकर अब सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अमित तोमर, कलेक्टर बड़वानी