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पड़ताल: औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र की बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जा

locationखंडवाPublished: Feb 03, 2022 09:23:58 am

Submitted by:

Dhirendra Gupta

अपनी ही जमीन को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती, भविष्य में शैक्षणिक कार्य के लिए कम पड़ेगी जगह, अनदेखी से बढ़ता जा रहा दिन ब दिन अतिक्रमण

Illegal occupation of valuable land of Industrial Training Center

Illegal occupation of valuable land of Industrial Training Center

खंडवा. औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र की बेशकीमती जगह पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। यह कब्जा हाल ही में नहीं हुआ बल्कि कई साल पहले से यहां झुग्गी बस्तियां बन रही हैं और जिम्मेदार देखते जा रहे हैं। मौजूदा समय में कितने रकवा पर कब्जा है और कितनी जमीन अतिक्रमण से मुक्त है, इसके बारे में भी यहां के अधिकारियों को पुख्ता जानकारी नहीं है। हां, इतना जरूर सभी जानते हैं कि आइटीआइ की जमीन के एक बड़े हिस्से पर अतिक्रमण हो चुका है।
23.5 एकड़ जमीन
पत्रिका ने जब जानकारी जुटाना शुरू की तो पता चला कि औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र को कुल 23.5 एकड़ जमीन आबंटित है। कागजों में लिखी नाप को कभी हकीकत में देखा नहीं गया। जहां आइटीआइ स्टॉफ की आवासीय कॉलोनी बनी है उसके ही ठीक पीछे नाले की ओर झुग्गियां बनाकर कई लोगों ने कब्जा कर लिया है।पट्टे भी बांट दिएआइटीआइ के अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण कर रह रहे कुछ लोगों को शासन से पट्टा भी मिल चुका है। हालांकि जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए कभी प्रयास नहीं हुए जिससे पता चल पाता कि किसके पास पट्टा है और कौन अवैध तरीके से अतिक्रमण कर रह रहा है। बताते हैं कि करीब 2 एकड़ जमीन अतिक्रमण की चपेट में है।
सीमांकन के लिए आवेदन
कई साल बीतने के बाद अब जब यहां के स्टॉफ में बदलाव हुआ तो नवागत प्रचार्य ने आइटीआइ की जमीन पर ध्यान दिया। अब सीमांकन के लिए प्रशासन को आवेदन देने की तैयारी की जा रही है। ताकि पता चल सके कि २३.५ एकड़ जमीन में कितनी जमीन पर अतिक्रमण है। सीमांकन के बाद ही अतिक्रमण हटाने पर जोर दिया जा सकेगा। अपनी आराजी सुरक्षित करने के लिए आइटीआइ स्टॉफ लोक निर्माण विभाग को चिट्ठी लिखकर इसके बाउण्ड्री बॉल का स्टीमेट भी मांग रहा है।
नए प्रयोग हो सकेंगे
आइटइआइ में छात्रों के भविष्य को देखते हुए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। यहां नई ट्रेड शुरू करने के लिए वर्कशॉप बनाने और प्रशिक्षण देने के लिए जमीन की जरूरत होगी। अगर इसी तरह जमीन पर कब्जा बढ़ता गया तो वह दिन दूर नहीं जब आइटइआइ का प्रशिक्षण सिमट कर नियत जगह में रह जाएगा।
वर्जन…
आइटीआइ की जमीन पर अवैध अतिक्रमण है। जमीन की नाप के लिए सीमांकन का अवेदन दिया जा रहा है। इसके साथ ही लो निर्माण विभाग से बाउण्ड्री बॉल का स्टीमेट भी ले रहे हैं, ताकि अपनी आराजी सुरक्षित कर पाएं।
– जीपी तिवारी, प्राचार्य, आइटीआइ, खंडवा
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