ससुराल से लौट रहा था वृद्ध
घायल की बेटी शकीला बी ने बताया पिता इंदू खां मंसूरी (६१) निवासी सारोला अपनी ससुराल सोनगिर गए थे। वहां ईद पर्व पर कुर्बानी में शामिल होकर वापस बस से घर लौट रहे थे। तभी वह सिरपुर फाटे से बस से उतरे और सड़क पार करने के लिए खड़े थे। इसी समय पीछे से आ रही बस (एमपी १२ पी १०९९) ने टक्कर मार दी। घटना में इंदू खां के सिर और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। घायल को जिला अस्पताल में इलाज जारी है। हालत नाजुक बनी हुई है।
घायल की बेटी शकीला बी ने बताया पिता इंदू खां मंसूरी (६१) निवासी सारोला अपनी ससुराल सोनगिर गए थे। वहां ईद पर्व पर कुर्बानी में शामिल होकर वापस बस से घर लौट रहे थे। तभी वह सिरपुर फाटे से बस से उतरे और सड़क पार करने के लिए खड़े थे। इसी समय पीछे से आ रही बस (एमपी १२ पी १०९९) ने टक्कर मार दी। घटना में इंदू खां के सिर और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। घायल को जिला अस्पताल में इलाज जारी है। हालत नाजुक बनी हुई है।
चलती बस से कूदा ड्रायवर, युवक ने हादसा बचाया
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया बस ने अचानक से इंदू खां को टक्कर मार दी। लोग बस को रोकने के लिए दौड़े तो चालक चलती बस से कूदकर भागने लगा। ड्रायवर के कूदते ही बस में बैठी सवारियों में हड़कंप मच गया। बगैर ड्रायवर के बस सड़क पर आगे दौडऩे लगी। इसी दौरान छोटी बोरगांव निवासी सलमान की नजर बस पर पड़ी और वह दौड़कर बस के पास पहुंचा। दोनों हाथों से बस के ब्रेक दबाए और उसे रोका। बस रुकते ही अफरा-तफरी में सवारियां नीचे उतर गई। वहीं अन्य वाहनों की मदद से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया बस ने अचानक से इंदू खां को टक्कर मार दी। लोग बस को रोकने के लिए दौड़े तो चालक चलती बस से कूदकर भागने लगा। ड्रायवर के कूदते ही बस में बैठी सवारियों में हड़कंप मच गया। बगैर ड्रायवर के बस सड़क पर आगे दौडऩे लगी। इसी दौरान छोटी बोरगांव निवासी सलमान की नजर बस पर पड़ी और वह दौड़कर बस के पास पहुंचा। दोनों हाथों से बस के ब्रेक दबाए और उसे रोका। बस रुकते ही अफरा-तफरी में सवारियां नीचे उतर गई। वहीं अन्य वाहनों की मदद से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।
जननी नहीं पहुंचती तो जा सकती थी जान
घटना के दौरान इंदू खां गंभीर घायल हुआ। सिर और हाथ, पैर से खून बह रहा था। बेहोशी की हालत में लोग उसे बचाने की कोशिशों में लगे थे। एंबुलेंस करीब २० मिनट तक नहीं पहुंची। तभी जननी आती नजर आई। लोगों ने उसे रोका। जननी में एक प्रसूता थी। बावजूद इसके प्रसूता के परिजन ने इंसानियत दिखाते हुए घायल को अंदर रखा और अस्पताल लेकर पहुंचे। यदि समय समय से जननी नहीं पहुंची तो इंदू खां की जान भी जा सकती थी। इधर, खंडवा की १०८ एंबुलेंस इंदौर रेफर मरीज लेकर गई थी। वहीं पंधाना की एंबुलेंस घटना के पौन घंटे बाद मौके पर पहुंची।
घटना के दौरान इंदू खां गंभीर घायल हुआ। सिर और हाथ, पैर से खून बह रहा था। बेहोशी की हालत में लोग उसे बचाने की कोशिशों में लगे थे। एंबुलेंस करीब २० मिनट तक नहीं पहुंची। तभी जननी आती नजर आई। लोगों ने उसे रोका। जननी में एक प्रसूता थी। बावजूद इसके प्रसूता के परिजन ने इंसानियत दिखाते हुए घायल को अंदर रखा और अस्पताल लेकर पहुंचे। यदि समय समय से जननी नहीं पहुंची तो इंदू खां की जान भी जा सकती थी। इधर, खंडवा की १०८ एंबुलेंस इंदौर रेफर मरीज लेकर गई थी। वहीं पंधाना की एंबुलेंस घटना के पौन घंटे बाद मौके पर पहुंची।