फटकार के बाद अब मिलेगा बीमा क्लेम
बीमा पॉलसी से हटा दिया बेटे का नाम, दुघर्टना होने पर नहीं किया भुगतान, अब कंपनी को देनी होगी राशि, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग का आदेश
खंडवा
Published: July 01, 2022 11:15:15 pm
खंडवा. प्रीमियम राशि लेकर भी हितग्राही को बीमित ना करना और दुर्घटना होने पर क्लेम राशि का भुगतान ना करना सेवा में कमी माना गया है। इस संबंध में एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने आदेश दिया है कि बीमा कंपनी पीडि़त को राशि का भुगतना करे।
मूंदी निवासी सुशील कुमार पिता ओमप्रकाश अग्रवाल ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से स्वयं सहित पत्नी और पुत्र नीरज एवं पुत्री सपना के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी वर्ष 2016 से प्राप्त की थी। प्रति वर्ष चारों व्यक्तियों के लिए प्रीमियम राशि का भुगतान किया। बीमा कंपनी ने चारों व्यक्तियों के लिए वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2020 तक बीमा पॉलिसी जारी की थी, लेकिन वर्ष 2020- 21 के लिए 25164 रुपए की प्रीमियम राशि लेकर पॉलिसी का नवीनीकरण किया। दूसरी ओर पाॅलिसी में बीमा कंपनी ने मनमाने तौर पर परिवादी के पुत्र नीरज और पुत्री सपना का नाम कम कर दिया और समय पर पाॅलिसी भी प्रदान नहीं की। 28 अक्टूबर 2021 को परिवादी का पुत्र नीरज सड़क दुघर्टना में घायल हो गया। उसके दाहिने पैर पर गंभीर चोट आकर अस्थि भंग हो गया। जिसकी सूचना बीमा कंपनी को देखते हुए परिवादी ने अपने पुत्र का उपचार कौशल हॉस्पिटल जलगांव में कराया। जहां उसको लगभग डेढ़ लाख रुपए का खर्च आया। राशि भुगतान के लिए जब बीमा कंपनी से संपर्क किया तो उसे पता चला कि बीमा कंपनी ने ऑनलाइन क्लेम प्रोसेस अपलोड करते समय उसके पुत्र और पुत्री दोनों का नाम बीमा पाॅलिसी में शामिल नहीं किया था।
बीमा कंपनी के रवैया से असंतुष्ट होकर परिवादी ने अपने अधिवक्ता देवेंद्र सिंह यादव के माध्यम से बीमा लोकपाल को शिकायत करते हुए जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के समक्ष बीमा कंपनी के विरुद्ध धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत प्रकरण प्रस्तुत किया।
प्रकरण में संपूर्ण विवेचना के बाद आयोग अध्यक्ष रामेश्वर कोठे, सदस्य मनोज कुमार मिश्रा एवं अंजलि जैन ने अपने आदेश में लिखा है कि बीमा कंपनी 17 अगस्त 2020 से दिनांक 16 अगस्त 2021 तक की अवधि के लिए परिवादी के पुत्र नीरज अग्रवाल और पुत्री सपना अग्रवाल को सम्मिलित करते हुए परिवादी के पुत्र एवं पुत्री को मेडिक्लेम हेतु बीमित करते बीमा पॉलिसी के अंतर्गत परिवादी के पुत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने से उक्त बीमित अवधि हेतु लाभ प्रदान किया जाएगा। बीमा कंपनी दुर्घटना में उपचार हेतु व्यय की गई राशि 130403 रुपए का भुगतान करेगी।परिवादी को सेवा में कमी के कारण मानसिक त्रास के लिए 5 हजार रुपए और परिवार व्यय राशि 3000 रुपए भी भुगतान किया जाएगा।

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