इन माफियायों पर नजर
भू-माफिया गिरोह
जिले में भू-माफिया गिरोह सक्रिय है। माफिया ने इस कारोबार को कॉलोनाइजर का रूप दे दिया है। शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियां काटकर लोगों को प्लाट बेचे जा रहे हैं। कॉलोनियों को रेरा एप्रूव्ड बताकर लोगों को ठगा जा रहा है। कलेक्टोरेट कार्यालय में अवैध कॉलोनियों के प्रकरण भी लंबित होना बताया जाता है। इसके अलावा कुछ कॉलोनियों में लोगों को प्लाट देने के बाद सुविधाएं मुहैया नहीं कराने की भी शिकायतें पूर्व में कलेक्टर व एसपी के पास पहुंची है। आवासीय डायवर्सन, बिजली व्यवस्था, पानी निकासी के लिए नालियां, बिजली की व्यवस्था, पार्क आदि बनाने के दावे किए, लेकिन सड़क, नाली बनाने के अलावा कोई इंतजाम नहीं हुए।
जुआ-सट्टे कारोबार
जिले में जुएं एवं सट्टे का कारोबार भी फल-फूल रहा है। शहर से लेकर जिले भर में इस कारोबार ने अपने पैर पसार रखे हैं। बताया गया कि ओंकारेश्वर, हरसूद, छनेरा सहित पंधाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जुआ चलता है। इसके अलावा शहरीय क्षेत्र में इंदौर रोड और आबना नदी किनारे भी जुआ खिलाया जा रहा है। वहीं सट्टा पर्चियां लेने के लिए लोहारी नाका, सिनेमा चौक, संजय नगर क्षेत्र में कई गुर्गे सक्रिय रहते हैं। पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करने का दावा करती है। बावजूद इसके जुआ-सट्टा के कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रही है। जुआ-सट्टा ऐसे संगठित अपराध है, जिनके कारण लोगों के घर तक बर्बाद हो रहे हैं।
रेत माफिया
रेत माफिया गिरोह ने जिले की नदियों को खोखला कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्र की नदियों में अंधेरे में अवैध उत्खनन किया जाता है। भाम नदी, सुक्ता नदी, ओंकारेश्वर में नर्मदा आदि से रेत माफिया अवैध उत्खनन कर रहे हैं। खनिज विभाग कई बार कार्रवाई कर वाहनों को पकड़ चुका है। इसके अलावा अन्य जिलों से अवैध रूप से रेत लाकर जिले में बेची जा रही है।
50 संगठित अपराधों को किया सूचीबद्ध
पुलिस विभाग की मानें तो मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उन्होंने संगठित अपराध एवं अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए करीब 50 संगठित अपराधों की सूची तैयार की है। इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कार्रवाई करने का दावा भी कर रही है। माफिया के खिलाफ अभी तक ऐसी कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। जबकि प्रदेश के महानगरों में माफियाओं के खिलाफ एक साथ कार्रवाई शुरू हो चुकी है।