scriptअरुण यादव के गढ़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया के फोटो पर पोती कालिख, नारे लगाते हुए फूंका पुतला | Jyotiraditya Scindia's effigy burnt in Arun Yadav stronghold | Patrika News

अरुण यादव के गढ़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया के फोटो पर पोती कालिख, नारे लगाते हुए फूंका पुतला

locationखंडवाPublished: Mar 12, 2020 03:46:31 pm

कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेसियों में गुस्सा है और ये लगातार सामने आ रहा है।

effigy burnt in Arun Yadav stronghold

Jyotiraditya Scindia’s effigy burnt in Arun Yadav stronghold

खंडवा. कांग्रेस का हाथ जोड़ भाजपा का दामन थामने वाले नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेसियों में आक्रोश है और ये लगातार सामने भी आ रहा है। मप्र के खंडवा में कांग्रेसियों ने सिंधिया के फोटो पर कालिख पोती और फिर नारे लगाते हुए पुतला फूंक दिया।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव के संसदीय क्षेत्र खंडवा जिला मुख्यालय पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष इंदलसिंह पंवार के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। यहां कांग्रेस के जिला कार्यालय गांधी भवन में लगे ज्योतिरादित्य सिंधिया के सभी फोटो पर कालिख पोती गई। फिर इन्हें गांधी भवन से बाहर लाया गया। सिंधिया का पुतला भी बनाया गया। गद्दार और मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए पुतले को फूंक दिया गया। वरिष्ठ कांग्रेसी व किसान नेता श्याम यादव, निगम के निवृत्तमान नेता प्रतिपक्ष अहमद पटेल, प्रशांत बार्चे, सुनील आर्य, वीरेंद्र गौतम, प्रेमांशु जैन, असलम खान सहित अन्य मौजूद थे।
अरुण यादव व सचिन यादव निकाल चुके हैं भड़ास
सिंधिया के कांग्रेस से भाजपा में जाने के मुद्दे पर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव व कमलनाथ सरकार में मंत्री सचिन यादव अपनी भड़ास निकाल चुके हैं। ट्विटर से लेकर बयानबाजी तक में इन्होंने सिंधिया को जमकर घेरा है।
अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी कही बात
गांधी भवन में पुतला फूंकने के दौरान शहराध्यक्ष पंवार ने कहा कि सिंधिया को कांग्रेस पार्टी ने बहुत कुछ दिया लेकिन बदले में उन्होंने गद्दारी की। प्रदेशवासियों के साथ भी धोखा किया है। अब उनके साथ जो जाना चाह रहे हैं, वे जाएं लेकिन पहले आत्ममंथन भी करे। पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व से हमें जिस प्रकार के निर्देश मिलेंगे, उसके हिसाब से हम कार्रवाई करेंगे। पार्टी से दगा करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकते हैं। बता दें कि प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच हर कहीं सरकार के बने रहने, तख्तापलट होने या फिर मध्यावधि चुनाव की स्थिति बनने की चर्चाएं हैं। कांग्रेस की सरकार में निमाड़ की अहम भूमिका है, क्योंकि यहां से दो निर्दलीय सहित कुल 12 सीटों का सीधा साथ मिला। जबकि इन हालातों में निमाड़ में खंडवा जिले ने भाजपा को 4 में से 3 सीटें दी। ऐसे में तख्तापलट हुआ तो तस्वीर बदलेगी। राजनीतिक व प्रशासनिक नजरिए से तो बदलाव दिखेगा ही, साथ में मुद्दों पर भी प्राथमिकताएं बदलेंगी। इधर, विधायकों को लेकर चल रही जोड़तोड़ को लेकर खंडवा, पंधाना व हरसूद विधायकों को लेकर जहां भाजपा निश्चिंत है तो वहीं मांधाता विधायक को लेकर कांग्रेस का विश्वास कायम है।
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