क्या करें इस दिन…
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। इस दिन किए जाने वाले अन्न, धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता हैं उसका कई गुणा लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे पुन:प्राप्त होता है। इस दिन बिना स्नान किए व्यक्ति को नहीं रहना चाहिए।
जानें कार्तिक पूर्णिमा की पूजन विधि
– स्नान कर के भगवान विष्णु की अराधना करनी चाहिए, संभव हो तो गंगा स्नान करें।
– पूरे दिन या एक समय का व्रत जरूर रखें।
– इस दिन नमक का सेवन बिल्कुल ना करें, ब्राह्मणों को दान दें।
– शाम को चंद्रमा को अघ्र्य देने से पुण्य प्राप्ती होती है।
– नर्मदा गंगा के तट पर दीपदान, अन्न दान वस्त्र दान करें।
– ब्राह्मणों द्वारा वैदिक रीति से से पूजन करवाए, महाआरती करके दक्षिणा, वस्त्र दान कर प्रसाद बांटे।
ये महत्व भी…
वहीं इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था। इसके बाद से वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।