हरफनमौला किशोर कुमार की पुण्यतिथि पर १३ अक्टूबर को सुबह समाधि पर सुरमयी श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुआ। दूध-जलेबी का भोग लगाने के बाद नगर निगम प्रशासन व किशोर सांस्कृतिक प्ररेणा मंच के तत्वावधान में किशोर दा की समाधि स्थल पर सुबह 10 बजे से गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम चला।
किशोर अलंकर समारोह के लिए शहर के पुलिस लाइन मैदान में ३ हजार कुर्सियां और ४० सोफे लगाए गए हैं। मंच परंपरागत ही है और इस पर ही किशोर अलंकरण सम्मान समारोह होने के बाद किशोर नाइट होगी।
100 गीतों में किशोर दा की याद… साथ में प्रतिमा निर्माण भी
इसके पहले दोपहर १ से शाम ५ बजे तक गौरीकुंज सभागार में किशोर गायक पुणे के जितेंद्र भुरुक और अहमदनगर के शिल्पकार प्रमोद कामले द्वारा किशोर दा की प्रतिमा सृजन का अनूठा तालमेल देखने को मिलेगा। जो प्रतिमाएं बनेंगी वो जिला प्रशासन को सौंपी जाएंगी, जिनका उपयोग किशोर दा के घर के बाहर, स्मारक या समाधि पर लगाकर किया जाएगा।
कोलकाता से गुरुवार को खंडवा पहुंचे गौतम घोष ने किशोर दा के पुस्तैनी मकान पर पहुंचकर चौकीदार सीताराम काका से चर्चा की। यहां उन्होंने ‘आ चल के तुझे मैं लेकर चलूं…Ó और ‘कोई हमदम न रहा कोई साथी न रहा…Ó गुनगुनाया। गौतम, किशोर दा के जूतों की पूजा करते हैं, वे यहां अपने साथ ये जूते लेकर आए हैं। पेशे से गायक हैं और कई बंगाली फिल्मों में गीत भी गाए हैं।