मेले का खास आकर्षण निमाड़ी व्यंजन अमाड़ी की भाजी, ज्वार, मक्का की रोटी, छाछ (मई) लहसुन की चटनी और उम्भी के ढोकले रही। झोपड़ी, कटिया रख गांव का दृश्य भी दिखा। मेले में आने वाले महिला व पुरुषों ने चूल्हे पर बन रहे गर्मागर्म निमाड़ी और गुर्जर समाज के स्वादिष्ट व्यंजनों को खाते समय ‘अमाड़ी की भाजी न ज्वार का रोटा न आरु साथ म महि की खटास मजो आई गयोÓ(अमाड़ी की भाजी, ज्वार की रोटी के साथ छाछ पीने में मजा आ गया) कहते हुए लुत्फ उठाया। मेले में बच्चों के मनोरंजन के लिए कई तरह की गेम्स एक्टिविटीज के भी स्टॉल लगे। शाम को लकी ड्रॉ कूपन के पुरस्कार बांटे गए। मेला आयोजक समिति में गुर्जर महिला से ज्योति रावजी पटेल, प्रीति रावजी पटेल, शक्ति टाले, सोनल पाटिल, संध्या पाटिल, योगेश्वरी पटेल, प्रतिभा खेड़ेकर, पूजा दोगने, लता चौधरी सहित अन्य उपस्थित रहे।