एबुलेंस स्टाफ ने कराई नार्मल डिलीवरी जानकारी के अनुसार बड़कीचौकी निवासी सीमाबाई पति नरेंद्र (25) प्रसव के लिए परिजन रात्रि करीब 9 बजे बड़वाह शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे थे। यहां महिला के पेट में बच्चा उल्टा होने तथा हालत खराब होने से डॉक्टरों डिलिवरी से मना कर दिया। साथ ही महिला को इंदौर ले जाने की सलाह दी। रात्रि में अस्पताल में एबुलेंस मौजूद नहीं थी। करीब साढ़े 10 बजे बलवाड़ा से 108 एबुलेंस बुलाई गई। जिसकी मदद से महिला को परिजन इंदौर ले जा रहे थे, रास्ते में ही असहनीय दर्द होने लगा।
एंबुलेंस को रोककर महिला की नार्मल डिलिवरी कराई
तब बाइग्राम के पास एंबुलेंस को रोककर इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन अनिल गागले एवं पायलेट सचिन नाहले ने मिलकर महिला की नार्मल डिलिवरी कराई। महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। बाद में दोनों को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। गर्भवती महिला की मदद के लिए एंबुलेंस के स्टाफ फरिश्ता बना और मुश्किल हालात में महिला की नार्मल डिलिवरी कराई, बल्कि जज्जा-बच्चा दोनों की जान बचाई।
तब बाइग्राम के पास एंबुलेंस को रोककर इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन अनिल गागले एवं पायलेट सचिन नाहले ने मिलकर महिला की नार्मल डिलिवरी कराई। महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। बाद में दोनों को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। गर्भवती महिला की मदद के लिए एंबुलेंस के स्टाफ फरिश्ता बना और मुश्किल हालात में महिला की नार्मल डिलिवरी कराई, बल्कि जज्जा-बच्चा दोनों की जान बचाई।