वहीं, एसपी सिटी सवाई सिंह गोदारा ने कहा कि विधायक के आरोप झूठे हैं। उन्होंने मुझे रात में फोन किया था, लेकिन सिर्फ अपने कार्यकर्ता से अभद्रता करने वाले आरोपियों के खिलाफ एफआईआर न दर्ज होने की शिकायत की थी।
गौरतलब है कि मंगलवार देर रात आरकेपुरम थाना इलाके में महिला पार्षद से कुछ लोगों ने अभद्रता की थी। विधायक को कार्यकर्ता से अभद्रता से शिकायत मिली तो वे थाने पहुंच गईं। उन्होंने थाने में आरोपियों खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। कार्रवाई में देरी होने पर विधायक और उनके समर्थक नाराज हो गए और देर रात तक थाने में डटे रहे।
इस बीच, बुधवार को विधायक मेघवाल ने आरोप लगाया कि जब वे थाने गईं तो वहां पुलिसकर्मी नशे में चूर थे। विधायक ने कहा, उन्होंने रात में ही एसपी को फोन करके आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही और यह बताया कि थाने में पुलिसकर्मी नशे में हैं, इनका मेडिकल कराना चाहिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विधायक ने कहा कि उन्होंने रात 11.55 बजे और करीब 12.08 बजे एसपी को फोन किया था।
बात हुई, लेकिन एफआईआर दर्ज न करने की शिकायत
इस बीच, विधायक के आरोप को पुलिस अधिकारियों ने सिरे से खारिज कर दिया। पुलिस का कहना है कि विधायक के आरोप झूठे हैं। एसपी गोदरा ने कहा कि विधायक से रात में मेरी फोन पर ४-५ बार बात हुई। उन्होंने सिर्फ एफआईआर दर्ज न होने की शिकायत की थी। इस पर मैंने तत्काल संबंधित थानाधिकारी को नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
किसी के नशे में होने की कोई शिकायत उन्होंने नहीं की। अगर वे एेसा आरोप लगा रही हैं तो यह गलत है। वहीं, आरके पुरम थानाधिकारी जयप्रकाश बेनीवाल ने कहा कि मैं पूरे समय थाने में ही मौजूद था। कोई भी पुलिसकर्मी नशे में नहीं था। यह आरोप गलत है। एेसे आरोप लगाना अच्छी बात नहीं।