साक्ष्य छुपाने की नाकाम कोशिश
मानसिंह ने बताया था कि प्रेम संबंध के चलते गिरजाबाई के साथ मिलकर उसने हत्या की थी। 24 जनवरी की रात को दोनों ने संजय को बमनाला बुलाया था। यहां से रहमापुर लेकर आए थे। यहां एक खेत में संजय की गर्दन पर चाकू से वार कर, रस्सी से गला दबा दिया था। साक्ष्य छुपाने के लिए मृतक के चेहरे और सिर को पत्थर से कुचल दिया था, जो कि उसकी मृत्यु का कारण बना था। पुलिस ने मानसिंह से घटना में प्रयुक्त चाकू, रस्सी, मृतक के मोबाइल के जले हुए अवशेष, मृतक का आधार कार्ड भी जब्त किया था। मामले में पुलिस ने गिरजाबाई को हत्या और षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया था। मामले में आरोपी मानसिंह 1 नवंबर 2021 से फरार है, जिसके विरुद्ध न्यायालय ने स्थाई वारंट जारी किया है।
ये भी पढ़ें- बेटे को बचाने तेंदुए से भिड़ गई मां, 1 किमी तक नहीं छोड़ा पीछा
कोर्ट की टिप्पणी
न्यायालय द्वारा निर्णय पारित करते हुए यह टिप्पणी की गई कि आरोपी गिरजाबाई विवाहेत्तर अवैध संबंधों के आधार पर अपने पति के हत्या के मामले में षडयंत्रकारी पाई गई है। भारतीय समाज में इस प्रकार के अपराध से सामाजिक ढांचा और सामाजिक ताना-बाना दोनों ही प्रभावित होते है तथा पति-पत्नी के बीच जो आत्मीय संबंध होते है, उन पर भी ऐसे अपराधों से कुठाराघात पहुंचता है। ऐसे अपराधों में संलिप्त स्त्री को भी यथोचित दण्ड अधिरोपित किया जाना वर्तमान सामाजिक परिवेश में अत्यंत आवश्यक है।
देखें वीडियो- शादी में दूल्हे ने किया जमकर डांस