scriptलॉकडाउन: 60 घंटे के बंद का सुन मजदूरों का पलायन, बस स्टैंड पर बढ़ी भीड़ | Lockdown: Hearing of 60-hour shutdown, workers flee, crowd increased a | Patrika News

लॉकडाउन: 60 घंटे के बंद का सुन मजदूरों का पलायन, बस स्टैंड पर बढ़ी भीड़

locationखंडवाPublished: Apr 10, 2021 11:43:34 am

Submitted by:

harinath dwivedi

जिले में आसपास सहित अन्य जिलों के लोग और स्टूडेंट रहते है जिसमें कई मजदूरी करते है तो कई पढ़ाई करने के लिए शहर में रहते है जो अब पलायन करना शुरू कर दिया है।

Lockdown: Hearing of 60-hour shutdown, workers flee, crowd increased a

Lockdown: Hearing of 60-hour shutdown, workers flee, crowd increased a

खंडवा. जिले में आसपास सहित अन्य जिलों के लोग और स्टूडेंट रहते है जिसमें कई मजदूरी करते है तो कई पढ़ाई करने के लिए शहर में रहते है जो अब 60 घंटे के लॉकडाउन की घोषण के बाद सभी स्टूडेंट और बाहरी लोगों ने जिले से पलायन करना शुरू कर दिया है। पलायन कर रहे लोगों ने बताया कि पहले जिस तरह लॉकडाउन में जो परेशानियों को झेलते और जद्दोजहद के बाद अपने गाँव पहुंचे थे उससे बचने के लिए हम पहले ही अपने घर को लौट रहे है। जिससे हम और हमारे बच्चों को पहले जैसे दिन न देखने पड़े। खंडवा में रहकर पढाई करने वाले मोहित शर्मा ने बताया कि पहले लॉकडाउन में शहर में फंस गया था जिसके बाद मुझे गांव से पापा को लेने आना पड़ था जिसमें हजारों रूपए खर्च हो गए थे लेकिन अब फिर से लॉकडाउन की खबर सुनकर पापा ने मुझे पहले ही गांव बुला लिया है इसलिए मैं घर जा रहा हूॅ। वहीं उसी के दोस्त ने कहा कि पहले लॉकडाउन में यहां फंस गए थे जिसमें दुकानें व टेफिन सेंटर भी बंद हो गए थे जिसके कारण हम खाने पीने की बहुत परेशानी हुई थी मैं भी लॉकडाउन के पहले ही अपने घर जा रहा हूॅ। वहीं खरगोन के मजदूर रूपङ्क्षसह सत्या ने बताया कि पहले तो हम बहुत तकलीफ के बाद अपने घर पहुंचे थे। जैसे-तैसे हम पैदल चलकर अपने गांव पहुंचे। यहां पर भी हमारे पास में अच्छा रोजगार नहीं है। मशीन चलाना जानते थे। लेकिन यहां पर भीषण गर्मी में मजदूरी करना पड़ी। पलायन कर रहे लोगों ने बताया कि सरकार अभी कर रही है 60 घंटे का लॉकडाउन रहेगा। लेकिन अगर कहीं अचानक फिर से लॉकडाउन लग दिया गया तो पिछले साल जैसे हालात बन जाएंगे. यहां बस स्टैंड पर खड़े अभिषेक ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन की वजह से सब काम बंद हो गया था, घर जाना भी मुश्किल था इसलिए इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं इसलिए पहले ही हम घर जा रहे है।
खंडवा के दोनों बस स्टैंडों पर शुक्रवार सुबह से ही मज़दूरों की भीड़ लगी रही लोगों अपने घर जाने के लिए बसों और अन्य यात्री वाहनों को सहारा ले रहे थे।
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