याचिका में ये है मुद्दा
याचिका में कहा गया है, मतदान अभिकर्ताओं को कई मतदान केंद्रों पर या तो फॉर्म-17सी दिए ही नहीं गए, या दिए तो उनमें मशीनों के नंबर नहीं थे। कई फॉर्म में जानकारी नहीं होना संदेहास्पद है। करीब सौ जगह ऐसा हुआ है।
वीडियोग्राफी कराई
मशीनों को एक स्ट्रांग रूम से निकालकर दूसरे स्ट्रांग रूम में रखने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है। इस दौरान प्रत्याशियों सहित पार्टियों के अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।
खंडवा विधानसभा में एक निर्वाचन याचिका लगी थी, जिस पर उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है जिन पोलिंग बूथों की मशीन को लेकर के निर्वाचन याचिका में आपत्ति ली गई है, उनको सुरक्षित रखा जाए, तथा जिन पर आपत्ति नहीं ली गई है, उनका उपयोग लोकसभा निर्वाचन में किया जाए। प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों की उपस्थिति में स्ट्रांग रूम खोला है और उच्च न्यायालय के निर्देश के परिपालन में उन मशीन्स को स्ट्रांग रूम में सील किया है।
विशेष गढ़पाले, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी
हमने जिन बिंदुओं पर उच्च न्यायालय से इस चुनाव को निरस्त करने की मांग की है और हमने अपने-आप को यहां पर निर्वाचित घोषित करने की मांग की है, उसमें कई बिंदु हैं। एक बिंदु ये फॉर्म 17सी महत्वपूर्ण था। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं जिला निर्वाचन अधिकारी को वे तमाम मशीनें जिनके नंबर व फॉर्म 17सी में त्रुटि है, उन इवीएम व वीवीपैट को सीज किया जाए और लोकसभा चुनाव में इनका इस्तेमाल न हो।
कुंदन मालवीय, कांग्रेस प्रत्याशी, विधानसभा चुनाव-2018