फरियादी के बाहर आते ही दी दबिश सोमवार सुबह 11 बजे टीम ने पटवारी को रिश्वत के 500 रुपए देने के लिए फरियादी को भेजा। सादिक ने कार्यालय में पहुंचकर पटवारी को रिश्वत की राशि दी और प्लाट के नामांतरण के दस्तावेज लेकर बाहर आया। जैसे ही उसने रुपए लेने का इशारा किया। लोकायुक्त टीम ने दबिश दी और पटवारी जगताप को रंगेहाथ रिश्वत की राशि के साथ पकड़ लिया। हाथ धुलवाये तो लाल हो गए। मामले में कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त ने पटवारी जगताप के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। कार्रवाई टीम में निरीक्षक आशा सेजकर, राहुल गजभिये, आरक्षक सतीश यादव, चेतन परिहार, आदित्य सिंह, भदौरिया शामिल थे।
पहले भी ले चुका था दो हजार की रिश्वत
फरियादी सादिक ने बताया मैं लोडिंग ऑटो चलाकर परिवार का पेट पालता हूं। लेकिन पटवारी से जब भी कोई काम कराने गया उसने रिश्वत की मांग की। इस मामले के पहले भी पटवारी जगताप ने रिश्वत ली। विगत वर्ष एक प्लाट की रजिस्ट्री कराई थी। जिसके बदले पटवारी जगताप ने दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत के दो हजार देने के बाद ही रजिस्ट्री हो सकी थी।
फरियादी सादिक ने बताया मैं लोडिंग ऑटो चलाकर परिवार का पेट पालता हूं। लेकिन पटवारी से जब भी कोई काम कराने गया उसने रिश्वत की मांग की। इस मामले के पहले भी पटवारी जगताप ने रिश्वत ली। विगत वर्ष एक प्लाट की रजिस्ट्री कराई थी। जिसके बदले पटवारी जगताप ने दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत के दो हजार देने के बाद ही रजिस्ट्री हो सकी थी।
वर्जन प्लाट नामांतरण कराने के नाम पर शिकायतकर्ता सादिक से पटवारी दिनेश जगताप रिश्वत मांग रहा था। वह ढाई हजार पहले ले चुका था। शिकायत के बाद टीम के साथ कार्रवाई कर पटवारी को 500 रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
आशा सेजकर, निरीक्षक, लोकायुक्त इंदौर
आशा सेजकर, निरीक्षक, लोकायुक्त इंदौर