सरकारी पोषण आहार कालाबाजारी में परिवहन संचालक और मुख्य आरोपी पर केस दर्ज
खंडवाPublished: Sep 23, 2019 12:10:48 pm
अब पोषाहार वितरण और ठेकेदार से जुड़े लोगों से पूछताछ होगी
खंडवा। सरकारी पोषण आहार की कालाबाजारी करने वाला आरोपी अनिस।,खंडवा। सरकारी पोषण आहार की कालाबाजारी करने वाला आरोपी अनिस।,खंडवा। सरकारी पोषण आहार की कालाबाजारी करने वाला आरोपी अनिस।
खंडवा. पुरानी अनाज मंडी गंजबाजार सौलह खोली के पास मकान से मिले पोषण आहार के मामले में रविवार को पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी पूजा राठौर की रिपोर्ट पर केस दर्ज हुआ। गंजबाजार निवासी अनिस पिता युनुस और मोहम्मद निजामुद्दीन को पुलिस ने आरोपी बनाया है। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ व महिला बाल विभाग ने जांच शुरू कर दी है। पोषण आहार के वितरण करने वाले ठेकेदार और उसके कर्मचारियों से मामले में पूछताछ की जाएगी।
शहर में आंगनवाड़ी में पोषण आहार परिवहन का ठेका चावला रोड लाइंस का संचालक मोहम्मद जिमाजुद्दीन है। दो माह पहले ही पोषण आहार वितरण का ठेका मिला है। शहर में महिला एवं बाल विकास विभाग के 7 सेक्टर में 172 आंगनवाड़ी केंद्र है। जिसमें हर माह पोषण आहार 1 से 15 तारीख तक होता है। अभी सितंबर माह के वितरण में इस बार देरी हो चुकी है। परियोजना अधिकारी राठौर के मुताबिक अभी तक सितंबर माह मेंपोषण आहार का वितरण केवल 3 सेक्टर की आंगनवाड़ी केंद्रों में ही हुआ है। 4 सेक्टर वितरण होना शेष है। रविवार को परियोजना अधिकारी राठौर अपने स्टाफ के साथ कोतवाली थाने पहूुंची। जब्त पोषण आहार की सील पैक बोरियों की जांच की। उस पर अंकित तारीख, संख्या व अन्य जानकारियां नोट की। जिसके बाद पोषण आहार को विभाग के गोदाम में रखवाया। फिर परियोजना अधिकारी मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लेकर रात 8 बजे दोबारा कोतवाली पहुंची। इसके बाद आरोपी अनिस और संचालक मोहम्मद निजामुद्दीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।
आरोपी अनिल से पूछताछ के आधार पर इससे जुड़े कई लोगों से पुलिस पूछताछ करेगी। जो पोषण आहार की कालाबाजारी को अंजाम दे रहे थे। पोषण आहार वितरण करने वाला ठेकेदार, उसके कर्मचारी साथ महिला बाल विकास विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी थाने लाया जाएगा। आंगनवाड़ी में दिए जाने वाले पोषण आहार की कालाबाजारी करने का खेल कई सालों से चल रहा है। जिसमें एक-दो ठेकेदार तो ब्लैक लिस्टेड हो चुके है। फिर भी वे रिश्तेदार व अन्य परिचित के नाम से ठेका लेकर पोषण आहार का वितरण कर रहे और कालाबाजारी को अंजाम दे रहे।