खंडवा

पारंपरिक के साथ आधुनिक खेती ने बदल दी किसान की किस्मत, आय में लाखों की बढ़त

बदलाव: दो हजार पपीते और ढाई सौ अमरूद के पौधों का किया रोपण

खंडवाOct 22, 2020 / 12:26 pm

tarunendra chauhan

Papaya cultivation

खंडवा. खालवा विकासखंड के ग्राम खारकला के कृषक ने पारंपरिक फसलों के साथ-साथ फल एवं सब्जियों की खेती का भी समावेश किया है। वर्तमान समय में उन्होंने लगभग 2 एकड़ में 2000 पपीते के पौधों की फसल लगाई है, जिसमें फल आने का दौर भी शुरू हो गए हैं। वहीं अमरूद का बगीचा भी तैयार कर रहे हैं।

कृषक राजेश लोनकर ने बताया कि वे पहले गेहूं, चना, सोयाबीन, मक्का आदि पारंपरिक फसलों की खेती करते चले आ रहे थे, लेकिन 3 वर्ष पहले उन्होंने एक रिश्तेदार की सलाह पर पारंपरिक फसलों के साथ-साथ तरबूज, खरबूज व प्याज की फसल लगाना शुरू किया, जिससे पारंपरिक खेती की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त हुआ। आधुनिक खेती के तरीकों को अपना कर आय में वृद्धि हुई तो इस वर्ष पहली बार 2 एकड़ में पपीता की फसल लगाई है। वहीं एक एकड़ में ढाई सौ अमरूद के पौधे तैयार कर रहे हैं। इसके साथ ही एक एकड़ में प्याज भी लगाई है। किसान का कहना है कि वैरायटी रखने से नुकसान की आशंका कम रहती है।

उन्होंने बताया कि पारंपरिक फसलों की अपेक्षा फलों एवं सब्जियों की खेती में मेहनत तो ज्यादा लगती है, लेकिन मुनाफा भी अधिक मिलता है तथा कम समय में अधिक आमदनी प्राप्त की जा सकती है। फल और सब्जियों का उत्पादन होने पर बाजार भी नहीं जाना पड़ता है। व्यापारी खेत से ही माल उठा लेते हैं। किसान का कहना है कि उन्नत खेती करने वाले किसानों के अनुसार पारंपरिक फसलों में जहां अधिकतम 12 से 15 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुनाफा मिलता है। वहीं एक बार पपीता की फसल लगाने पर इससे दो बार उत्पादन लेकर तीन से चार लाख प्रति एकड़ का मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है। किसान राजेश का कहना है कि गांव में 65 से 70 प्रतिशत किसान हैं। अब गांव के अन्य किसान भी पारंपरिक के साथ आधुनिक तरीके से फल और सब्जियों की खेती में रुझान दिखा रहे हैं। गांव में कुल वोटरों की संख्या लगभग 3500 है। वहीं कुल आबादी करीब 6000 है।

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