script156 घंटे बाद सातवें दिन मोरटक्का पुल पर बहाल हुआ यातायात, वाहन दौड़े तो पटरी पर लौटा जनजीवन | Morattka bridge on Indore-Ichhapur highway opened on the seventh day | Patrika News

156 घंटे बाद सातवें दिन मोरटक्का पुल पर बहाल हुआ यातायात, वाहन दौड़े तो पटरी पर लौटा जनजीवन

locationखंडवाPublished: Sep 16, 2019 12:09:28 am

खतरे के निशान से नर्मदा ऊपर आने पर रविवार को बंद किया था पुल से वाहनों का आवागमन, मोरटक्का पुल पर सुबह 12.20 बजे छोटे वाहन और शाम 5.30 बजे भारी वाहनों की आवाजाही शुरू की
 

Morattka Bridge opened on the seventh day, the water level of Narmada river decreased

Morattka Bridge opened on the seventh day, the water level of Narmada river decreased

खंडवा. बारिश थमने और बांधों से पानी छोडऩे की गति कम होने पर रविवार को नर्मदा का जलस्तर सामान्य हुआ। खतरे के निशान से नीचे नर्मदा पहुंचने पर रविवार को प्रशासन ने मोरटक्का पुल से वाहनों का आवागमन शुरू कराया। दोपहर 12.30 बजे से छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हुई। वहीं शाम 5.30 बजे से मोरटक्का पुल पर इंदौर-इच्छापुर हाइवे के भारी वाहनों का यातायात बहाल किया गया। इसके बाद जनजीवन पटरी पर लौटा। पिछले सात दिन से पुल बंद होने के कारण फंसे भारी वाहन रवाना हुए। इस दौरान हाइवे पर भारी ट्रैफिक रहा। इस कारण कई स्थानों पर जाम की स्थितियां निर्मित हुईं। उल्लेखनीय है कि भारी बारिश और बांधों से छोड़े जा रहा पानी के कारण 8 अगस्त की रात नर्मदा खतरे के निशान 165 मीटर से ऊपर आ गई थी। तब सुरक्षा के लिहाज से मोरटक्का पुल बंद किया गया था। इसके बाद पुल 156 घंटे बाद सांतवें दिन नर्मदा का जलस्तर सामान्य होने खोला गया। रविवार शाम को नर्मदा का जलस्तर 162 मीटर के करीब था।
ट्रैफिक शुरू करने से पहले जांचा पुल
नर्मदा का जलस्तर शनिवार देर रात से सामान्य होने लगा था। इसके बाद रविवार सुबह इंजीनियर्स के साथ प्रशासन के अधिकारी मोरटक्का पुल पर पहुंचे। यहां इंजीनियर्स ने पुल की क्षमता और खांमियों की जांच की। जांच की टीम की ओके रिपोर्ट मिलने के बाद ही पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई। इस दौरान पहले छोटे वाहन शुरू कर पुल की स्थितियों को आंका गया। हालात सामान्य होने पर भारी वाहन शुरू कराए गए।
बसें शुरू होने से यात्रियों को मिली राहत
मोरटक्का पुल बंद होने के कारण खंडवा का इंदौर से संपर्क टूटा गया था। पिछले छह दिनों से यात्री बसें बंद थी। इस कारण लोग जरूरी काम होने पर निजी वाहनों के सहारे थे। वहीं ज्यादातर लोगों ने यात्राएं रद्द की थी। इसके अलावा मार्ग बंद होने से शहर का व्यापार प्रभावित हो रहा था। क्योंकि ज्यादातर व्यापार इंदौर पर निर्भर हैं। रविवार को पुल खोलने के बाद बस स्टैंड पर यात्रियों की चहल-पहल रही। वहीं बसें इंदौर तक दौड़ी। इससे आम जनता को राहत मिली।
बांध से शुरू हुआ बिजली उत्पादन
इधर, ओंकारेश्वर बांध के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए टरबाइन बंद की गई थी। इसके बाद से ही ओंकारेश्वर में बिजली का उत्पादन बंद था। शनिवार को बांध का जलस्तर नियंत्रित होने पर रविवार को टरबाइन शुरू की गई हैं। पांच दिन बाद रविवार से ओंकारेश्वर बांध से बिजली का उत्पादन शुरू हो सका। शाम 6 बजे तक बांध का जलस्तर 192.95 मीटर था। वहीं 14 गेट और आठ टरबाइन से 11506 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया।
वर्ष 2013 में ये हुआ था

वर्ष 2013 में नर्मदा में बाढ़ आई थी। इस कारण मोरटक्का पुल पानी में डूब गया था। 23 अगस्त को बाढ़ के कारण पुल रात 10 बजे बंद किया गया था। इसके बाद 25 अगस्त को नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान 165 मीटर से नीचे पहुंचा था। पानी उतरने पर पुल क्षतिग्रस्त हुआ और रैलिंग टूटी थी। जिसकी प्रशासन ने तबाड़तोड़ मरम्मत कराई और 26 अगस्त 2013 की सुबह 10.45 बजे पुल के रास्ते छोटे व भारी वाहनों की आवाजाही शुरू कराई थी।
वर्जन…
नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब साढ़े तीन मीटर नीचे है। इसके बाद मोरटक्का पुल की गुणवत्ता की जांच कर वाहनों की आवाजाही शुरू कराई है। पहले छोटे वाहन निकाले गए। स्थितियां सामान्य होने पर भारी वाहनों का आवागमन शुरू करा दिया गया है।
डॉ. ममता खेड़े, एसडीएम, पुनासा
बांधों की स्थिति…
इंदिरासागर बांध..

-बांध का जलस्तर- 261.74 मीटर
-खुले गेटों की स्थिति-12

-छोड़ा जा रहा पानी- 10640 क्यूमेक्स
ओंकारेश्वर बांध
-बांध का जलस्तर- 192.95 मीटर

-खुले गेटों की स्थिति- 14
-छोड़ा जा रहा पानी- 11506 क्यूमेक्स

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