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तिलक लगा देख पुडंगे की हत्या करने वाले चार आरोपियों को उम्रकैद

locationखंडवाPublished: Sep 07, 2018 04:33:41 pm

वर्ष 2014 का बहुचर्चित हत्याकांड, शहर में भड़के थे दंगे, लगा था कफ्र्यू, आरोपी इंदौर जेल में बंद होने के कारण मामले में वीडियो कांफे्रंसिंग से हुई सुनवाई

Four accused who killed a young man by knife, were sentenced to life imprisonment

Four accused who killed a young man by knife, were sentenced to life imprisonment

खंडवा. शहर के बहुचर्चित सुशील पुडंगे हत्याकांड प्रकरण में चार साल बाद गुरुवार को अदालत ने फैसला सुनाया। प्रकरण में विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी मोहम्मद जाकिर पिता सलीम (२५) निवासी कल्लनगंज, मोहम्मद आजम पिता इकबाल (२२) निवासी लक्कड़ बाजार, जियाउलहक पिता अलामुद्दीन (२२) निवासी धनगर मोहल्ला और जुबेर पिता शकील (२२) निवासी गुलमोहर कॉलोनी को उम्रकैद और १६-१६ हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी जुबेर पर १५ हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। वहीं साक्ष्यों के अभाव में प्रकरण में आरोपी बनाए गए मोहम्मद आसिफ पिता असलम (३०) निवासी गुलशन नगर और मो. अनीस वार्सी उर्फ छर्रा पिता उस्मान गनी (३२) निवासी नूर मंजिल राजवैध गली बुधवारा बाजार को बरी कर दिया गया। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी उप संचालक अभियोजन एमएल सोलंकी ने की।
वीडियो कांफे्रंसिंग से सुनवाई कर सुनाई सजा
हत्याकांड के चारों आरोपी इस समय इंदौर जेल में बंद हैं। सुनवाई के दौरान उन्हें खंडवा नहीं लाया गया। जिसके चलते न्यायालय ने प्रकरण में वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए सुनवाई की। वीडियो कांफे्रंसिंग से ही आरोपियों को सजा सुनाई गई। इस पर आरोपियों के अधिवक्ता ने आरोपियों का प्रथम अपराध होने पर दंड मे उदारता बरतने की कोर्ट से अपील की।
58 गवाहों में से 22 ने कोर्ट में दी गवाई
पुडंगे हत्याकांड मामले में पुलिस ने तफ्तीश करते हुए विवेचना में ५८ गवाह बनाए थे। कार्रवाई पूरी कर कोर्ट में चालान पेश किया गया। सुनवाई होने पर ५८ गवाहों में से सिर्फ २२ गवाहों ने ही आरोपियों के खिलाफ गवाही दी थी। इन्हीं गवाहों की गवाही और पुलिस जांच में जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाई।
सुरक्षा में पुलिस बल रहा तैनात
बहुचर्चित हत्याकांड का फैसला आने की खबर मिलते ही न्यायालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। यहां दिनभर बंदूकधारी पुलिस जवान सहित अन्य पुलिसकर्मी तैनात रहे। जिन्होंने परिसर की हर हरकत पर नजर रखी। इसके अलावा फैसले के चलते आरोपियों की परिसरों की कोर्ट परिसर में भीड़ रही।

आरोपी जाकिर ने घोपा था पीठ में चाकू
मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके ने बताया सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड होने के बाद शहर में तनाव फैला था। इसी दौरान ३० जुलाई २०१४ की रात करीब ९.०५ बजे मृतक सुशील कुमार पुंडगे निवासी नर्मदापुरम् इमलीपुरा की ओर से बाइक से आ रहा था। तभी आरोपियों ने शर्मा गैरेज के सामने हातमपुरा के पास उसे घेर लिया। पुडंगे के माथे पर तिलक लगा था। जिसे देख आरोपियों ने कहा यह हिंदू है मारो इसे। इस पर आरोपी जुबेर और आजम ने सुशील पुंडगे के हाथ पकड़े और आरोपी जाकिर ने पीठ पर चाकू से वार किया था। घायल होने पर पुडंगे लडख़ड़ाकर बाइक के साथ गिर गया। वहीं आरोपी मौके से फरार हो गए। घटना देख पुलिस ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी मौत हो गई थी। इसी प्रकरण में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
हत्याकांड के बाद भड़के थे दंगे, लगा था कफ्र्यू
इधर, पुडंगे हत्याकांड की खबर फैलते ही शहर में दंगे भड़क उठे। जगह-जगह तोडफ़ोड़ और आगजनी की वारदात होने लगी। स्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने शहर में कफ्र्यू घोषित किया था। कफ्र्यू के बाद भी कुछ क्षेत्रों में पथराव और मारपीट की वारदातों को अंजाम दिया गया था। हालांकि पुलिस ने सख्ती से स्थितियों को नियंत्रण किया था। वहीं पुडंगे हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पत्नी मीना पुडंगे ने १५ दिन का सत्याग्रह किया था। इस दौरान खंडवा के इतिहास का सबसे बड़ा कैंडल मार्च निकाला गया था। जिसमें पूरा शहर उमड़ पड़ा था।

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