court news- भगवा टी-शर्ट देखकर की थी हत्या, आजीवन कारावास
खंडवाPublished: Aug 23, 2023 12:10:52 am
-धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से सब्जी बेचने वाले को उतारा था मौत के घाट
-घटना के बाद शहर में मची थी सनसनी, हुआ था धार्मिक तनाव


कोर्ट का जजमेंट
खंडवा.
न्यायालय विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, प्रकाशचंद आर्य की न्यायालय द्वारा हत्या के आरोप में एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने आरोपी फिरोज उर्फ राजा पिता अकरम निवासी गुलमोहर कॉलोनी को 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी ने धार्मिक उन्माद फैलाने के उद्देश्य से भगवा टी-शर्ट पहने सब्जी बेचने वाले की हत्या की थी। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी उप संचालक अभियोजन एमएल सोलकी ने की।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके ने बताया कि 10 अगस्त 2020 को धनराज अपने साथी के साथ सब्जी मंडी से सब्जी खरीदने के बाद पैदल जा रहा था। पंधाना रोड पर एक शो-रूम के सामने आरोपी फिरोज उर्फ राजा ने जान से मारने की नियत से धनराज के पेट, हाथ, पीट पर चाकू से वार किए थे। घायल धनराज को जिला अस्पताल लाया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मोघट पुलिस ने मामले में पहले 307 और बाद में 302 के तहत केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था। मामले में तीन अन्य आरोपी भी थे, जिन्हें दोष मुक्त किया गया।
बदला लेना था उद्देश्य
पुलिस पूछताछ में आरोपी राजा ने बताया था कि 20 जुलाई को माल गोदाम क्षेत्र में हुई हम्माल की हत्या से वह आहत था। उसे शंका थी कि हत्यारे महादेवढ़ संगठन से जुड़े है, इसी कारण वह बदला लेना चाहता था। उसने प्लान बनाया था कि महादेवगढ़ वाले किसी व्यक्ति को मारना है। घटना वाले दिन उसने धनराज को महादेवगढ़ की टी-शर्ट पहने देखा तो उसे मारने का प्लान बनाया और पीछा करते हुए सूनसान स्थान पर हमला कर दिया।
कोर्ट ने की टिप्पणी- धार्मिक उन्माद के लिए घटना कारित
न्यायालय ने अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि, दोषसिद्ध अपराध की घटना में परिस्थितियां अभियुक्त के विरुद्ध पाई गई है, जो एक गंभीर प्रकृति का अपराध है। धार्मिक उन्माद के लिए घटना कारित की गई है, जो समाज के लिए हितकर नहीं है। ऐसे अपराधों से समाज पर कुठाराघात पहुंचता है, इसलिए ऐसे अपराधों में संलिप्त अपराधी को न्यायोचित दण्ड अधिरोपित किया जाना वर्तमान सामाजिक परिवेश में अत्यन्त आवश्यक है, क्योंकि ऐसी घटनाओं से समाज में भय का वातावरण निर्मित होता है।