9 पंजीकृत प्लम्बर्स को निगम ने कनेक्शन के लिए अधिकृत किया था लेकिन इनमें से कुछ ने तथा इनके नाम पर कुछ अन्य प्लम्बर्स ने न सिर्फ अवैध रूप से नल कनेक्शन कर दिए बल्कि उसकी राशि भी निगम में न जमा कराते हुए खुद की जेब भर ली। अब निगम के उनींदा अफसरों की नींद खुली है और ऐसे प्लम्बर्स पर नकेल कसने की बात कही है। अमले की मदद से कनेक्शन कराने वालों से जानकारी जुटाकर फिर संबंधितों के खिलाफ एफआइआर तक कराने की तैयारी है। बता दें कि कहीं से 2300, कहीं से 4800 और कहीं से 5800 रुपए तक की राशि वसूली गई है।
– विश्वा कंपनी को शहर में करीब 50 से 60 स्थानों पर कनेक्टिविटी करना है।
– इपीसी और एनआइपीसी का भी काम शेष है, गेप क्लोजिंग व पाइपलाइन के काम पर चर्चा।
– 10 किमी अतिरिक्त पाइपलाइन की मांग पर कहा गया कि जरूरत होगी शासन से अतिरिक्त स्वीकृति लेंगे।
– 900 कनेक्शन के लिए जोन-10 में सहायक राजस्व निरीक्षक, जल विभाग संयुक्त रूप से जुटेंगे।
– निगम के जनकार्य एवं उद्यान विभाग के टेंडर्स की जानकारी फिर अधूरी होने से इसे सोमवार तक स्थगित किया गया।
20801 नल कनेक्शन रिकॉर्ड में दर्ज
7500 कनेक्शन करीब की डिमांड जनरेट नहीं
389 कनेक्शन तो पाए गए थे अवैध
23 नवंबर 2017 को विश्वा ने किया था पहला कनेक्शन
15 हजार नए कनेक्शन टेंडर प्रक्रिया के तहत हो रहे
07 मार्च को नई प्रक्रिया के तहत हुआ था पहला कनेक्शन