Nature lover couple ने 10 साल में बदल दी उजाड़ पार्क की तस्वीर
प्रकृति प्रेमी दंपति की 10 साल की मेहनत लाई रंग, उजाड़ पार्क को किया हराभरा
खंडवा
Published: March 07, 2022 01:47:18 pm
संकेत श्रीवास्तव
खंडवा. शहर के एक प्रकृति प्रेमी दंपति की दस साल की मेहनत अब रंग लाने लगी है। वीरान हो रहे दादाजी ग्रीन सिटी कालोनी को न केवल हरा-भरा किया, बल्कि खुबसूरती बढ़ाने के लिए हर एक जरूरी काम कराए। पार्क को उजाड़ होने से बचा पर्यावरण प्रेमी नेपाल सिंह तोमर और उनकी पत्नी अर्चना तोमर ने मिसाल कायम कर दी। उन्होंने यहां पौधे लगा उन्हें अपने हाथों से सींच कर जीवन दिया। दस वर्ष के अथक प्रयास के बाद यह पौधे अब पेड़ का रूप धारण कर रहे है और पार्क की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। उनकी मेहनत से करीब 100 छोटे बड़े पेड़ एवं फूलदार पौधे लगाए गए हैं उन्होंने सभी पौधौ में जैविक खाद का प्रयोग किया है उन्होंने आम अनार सीताफल कटहल अशोक पीपल बरगद नीम जामुन तुलसी सेवंती गुड़हल कनेर नींबू और भी कई शो के पौधे इस गार्डन में लगाये है प्रतिदिन अपना कीमती समय निकाल कर दो से तीन घंटे बगीचे में श्रमदान कर पेड़ पौधों की देखभाल करते हैं। मुख्यालय में लगभग आधा दर्जन पार्क हैं, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी से सभी बदहाल हो गए। शहर के नागचूर में एक मात्र मनोरंजन अटल पार्क भी रखरखाव के अभाव में जर्जर होता जा रहा है जहां आसपास रहने वाले लोग अपने परिवार के साथ टहलने जाते थे। मगर, अब वह उजाड़ नजर आते हैं, इसी का नतीजा है कि लोगों का आना भी बंद हो गया। कमोवेश यही हाल अन्य पार्को का भी है। नगर पालिका निगम में बने पार्क भी देखरेख के अभाव में केवल कार्यक्रम स्थल बनकर रह गया है। यही हाल शिवाजी तिराहा पर बने पार्क का है। यह तो अच्छा हुआ कि दादाजी कालोनी पार्क को पर्यावरण प्रेमी नेपाल सिंह तोमर और उनकी पत्नी अर्चना तोमर ने इसे उजडऩे से बचा लिया। हालांकि क्षेत्रफल में छोटे इस पार्क में टहलने की व्यवस्था नहीं है, पर नगर में आने वालों को यह खूबसूरती का अहसास कराता है। उन्होंने 10 साल के प्रयास से इस पार्क को फिर से फूलों के पौधों से सजा दिया।
स्वयं करते सफाई, बाल्टी से पानी लाकर की सिंचाई
पर्यावरण प्रेमी नेपाल सिंह तोमर और उनकी पत्नी अर्चना तोमर ने बताया कि पार्क में गंदगी को देख उनके मन में सफाई करने का विचार आया। दूसरे दिन ही वहां सफाई की और कुछ फूलों के पौधे लगा दिए। इसके बाद पार्क की सफाई और पौधों की देखभाल करना दिनचर्या में शामिल हो गया। गर्मी के मौसम में पौधों की ङ्क्षसचाई करना मुश्किल भरा काम था। मगर, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने पास में स्थित पेट्रोल पंप से बाल्टियों से पानी लाकर पौधों की ङ्क्षसचाई की।
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