तीन शव मिलने के बाद भी किसी ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं कराई तो पुलिस को मामले में शंका हुई। इसके बाद पाटी-बोकराटा क्षेत्र में कुछ दिन से गायब परिवारों की जानकारी निकालने पर पता चला कि बोकराटा के निमाडिय़ा फलिया में रहने वाला रायसिंह बारेला व उसकी पत्नी किरमा बाई और तीन बच्चे देवसिंह (12), सेवासिंह (10) और बायाबाई (02) गायब है। पुलिस ने कुक्षी में रहने वाले राया के बड़े पुत्र जमादारसिंह को बुलाकर शवों की शिनाख्त कराई। जांच में पता चला कि 9 अगस्त की रात राया के घर से झगड़े की आवाज आ रही थी। राया का भतीजा चाचिया पिता जामसिंह उससे रंजिश रखता था। इसके बाद पुलिस ने चाचिया से पूछताछ की तो साजिश का पर्दाफाश हुआ।
एडीजीपी वरुण कपूर ने बताया कि एक साल पहले निमाडिय़ा फलिया से दो किमी दूर पिपरकुंड पहाड़ी से गिरकर आरोपी चाचिया के भाई छगन की मौत हुई थी। दुर्घटना के समय उसका चाचा राया साथ था। इसके बाद से चाचिया भाई की मौत का कारण चाचा राया को मानता था और उसने बदले की भावना पाल रखी थी। 9 अगस्त की शाम को वो बदला लेने के लिए कुल्हाड़ी और फलिया लेकर चाचा के घर पहुंचा। चाचिया ने कुल्हाड़ी मारकर चचेरे भाई देव और सेवा को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद जैसे ही राया घर आया उस पर भी हमला कर गर्दन काट दी। ये देख राया की पत्नी करमी जान-बचाने के लिए बेटी को लेकर भागी तो चाचिया ने पीछा कर उसे और बाया को भी फलिए से काट डाला।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी चाचिया कुछ दूर स्थित छोटे भाई राकेश को बुलाकर लाया और घटना की जानकारी दी। इसके बाद दोनों भाइयों ने मिलकर सारी रात पांचों शवों को ठिकाने लगाया। चाचिया घटनास्थल से दो किमी दूर भाई की पहाड़ी पर मौत वाली जगह शव ले गया और पास बह रहे नाले में फेंक दिया। दो वर्षीय बायाबाई का शव पास के झरने में डाल दिया। इस दौरान पाटी क्षेत्र में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर थे। आरोपियों को लगा कि शव नाले से बहकर गोई नदी से होते हुए नर्मदा में पहुंच जाएंगे और किसी को पता नहीं चलेगा। पुलिस को दोनों आरोपितों से पूछताछ के आधार पर बायाबाई के शव के अवशेष भी बरामद हो गए। शव 10 दिन पुराना होने और जलीय जंतुओं के खाने से सिर्फ उसके जबड़े का हिस्सा और कुछ हड्डियां व फ्रॉक मिली। मंगलवार दोपहर बोकराटा नाले से राया का शव भी बरामद कर लिया।