16 करोड़ की वसूली के लिए एनएचडीसी, कलेक्टोरेट रि चल संपत्ति होगी कुर्क
-एनएचडीसी डिविजन 13 में कुर्सी, पंखे, अलमारी, रैक को किया कुर्क
-हाईकोर्ट में जीता था रिफरेंस केस, एनएचडीसी ने नहीं किया भुगतान
-सिविल कोर्ट ने जारी किया आदेश, परिवादी के साथ कोर्ट कर्मी पहुंचे कुर्की के लिए
खंडवा
Published: March 14, 2022 09:29:20 pm
खंडवा.
हरसूद डूब के पुनर्वास को लेकर 20 साल पुराने केस में हाईकोर्ट ने दिसंबर 2021 में परिवादी के हक में फैसला देते हुए मुआवजे के 16 करोड़ रुपए रुपए परिवादी को देने के लिए एनएचडीसी को आदेशित किया है। तीन माह बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिलने पर परिवादी ने सिविल कोर्ट की शरण ली, जिसके बाद सिविल कोर्ट ने एनएचडीसी, पुनर्वास अधिकारी, हरसूद पुनर्वास अधिकारी व कलेक्टर खंडवा की कुर्की आदेश जारी किए है। सोमवार को आदेश लेकर परिवादी और कोर्ट कर्मी एनएचडीसी और कलेक्टोरेट पहुंचे तो हड़कंप मच गया। कलेक्टर ने मामला संज्ञान में लेते हुए एनएचडीसी को इसके निराकरण के निर्देश दिए।
ये था मामला
वर्ष 2001 में इंदिरा सागर बांध की डूब में आए हरसूद के निवासियों को पुनर्वास निति के तहत मुआवजा दिया गया था। हरसूद निवासी नरेंद्र सांड व परिजनों की 31.85 एकड़ जमीन डूब में आई थी, जिसका मुआवजा 13 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से दिया गया था। इससे असंतुष्ट नरेंद्र सांड व अन्य परिजनों ने हाईकोर्ट में रिफरेंस केस लगाया था। जिस पर दिसंबर में हाईकोर्ट ने उन्हें 16 करोड़ रुपए मुआवजा का हकदार माना और एनएचडीसी को मुआवजा देने के आदेश जारी किए। एनएचडीसी ने जिला न्यायालय में अर्जी लगाई की इस आदेश पर रोक लगाई जाए। जिला न्यायालय ने एनएचडीसी की अर्जी खारिज कर दी और कुर्की के आदेश जारी कर दिए। जिसमें प्रबंधक एनएचडीसी, कार्यपालन यंत्री एनएचडीसी, पुनर्वास अधिकारी व कलेक्टर कार्यालय की चल संपत्ति कुर्क की जानी है।
दो घंटे बैठाकर रखा, फिर कार्यालय छोड़ कर चले गए अधिकारी
कोर्ट के आदेश पर परिवादी नरेंद्र सांड, कोर्ट कर्मी और अधिवक्ता मयंक मिश्रा सोमवार दोपहर 12 बजे एनएचडीसी कार्यालय पहुंचे। यहां विधि प्रबंधक वीरेंद्र सिंह से मुलाकात की। करीब दो घंटे तक अधिकारी अपने उच्च अधिकारियों से चर्चा करने की बात करते रहे। इसके बाद कुछ देर में आने का कहकर कार्यालय से निकल गए। इसके बाद परिवादी व कोर्टकर्मी कार्यपालन यंत्री डिविजन 13 में पहुंचे। यहां कोर्टकर्मी द्वारा कोर्ट के आदेश पर कुर्सी, टेबल, पंखे, अलमारी, रैक आदि कुर्क कर संबंधित अधिकारी को सुपुर्दनामे पर सौंपी। कुर्क संपत्ति को अधिकारी कोर्ट के तलब करने पर पेश करेंगे।
कलेक्टर से की मुलाकात, आज तक का समय
इसके बाद शाम 5 बजे परिवादी अपने अधिवक्ता के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे। यहां कुर्की आदेश कलेक्टर अनूप कुमार सिंह के संज्ञान में लाया गया। कलेक्टर ने इस मामल में एनएचडीसी जनरल मैनेजर व पुनर्वास अधिकारियों से चर्चा की और जल्द ही परिवादी को कोर्ट के आदेशानुसार उनकी रकम दिए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर से चर्चा कर परिवादी बिना कुर्की की कार्रवाई के लौट गए। इस मामले में मंगलवार सुबह कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई हो सकती है।
मामला एनएचडीसी का
कुर्की संबंधित आदेश मेरे संज्ञान में आया है। मामला एनएचडीसी का है, इसलिए परिवादी से चर्चा कर एनएचडीसी को कोर्ट के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में एनएचडीसी अपना पक्ष कोर्ट में रखेगी।
अनूप कुमार सिंह, कलेक्टर
कोर्ट में रखेंगे अपना पक्ष
रिफरेंस केस में मुआवजा दिए जाने के आदेश हाईकोर्ट ने दिए है। हम अपना पक्ष कोर्ट में रखेंगे। संबंधित कुर्की के लिए आए थे, कुछ कुर्की भी की है। मंगलवार को हम अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे।
राजेश जैन, सहायक संचालक एनएचडीसी

खंडवा. कलेक्टोरेट में कुर्की के लिए पहुंचे परिवादी व उनके अधिवक्ता।
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