scriptहर बुखार डेंगू, मलेरिया या कोरोना नहीं, घबराएं न, जांच कराए | Not every fever is dengue, malaria or corona, don't panic, get tested | Patrika News

हर बुखार डेंगू, मलेरिया या कोरोना नहीं, घबराएं न, जांच कराए

locationखंडवाPublished: Oct 20, 2020 10:05:37 pm

-कोरोना के डर से अधिकांश लोग नहीं करा रहे बुखार की जांच-विशेषज्ञ ने बताए कोरोना, डेंगू, मलेरिया के लक्षण, बचाव के तरीके

हर बुखार डेंगू, मलेरिया या कोरोना नहीं, घबराएं न, जांच कराए

-कोरोना के डर से अधिकांश लोग नहीं करा रहे बुखार की जांच-विशेषज्ञ ने बताए कोरोना, डेंगू, मलेरिया के लक्षण, बचाव के तरीके

खंडवा.
कोरोना काल में डेंगू बीमारी ने भी शहर में अपने पैर पसार लिए। साधारण बुखार, डेंगू, मलेरिया और कोरोना के लक्षणों में एक लक्षण सामान्य है वो है, शरीर का तापमान बढऩा यानि बुखार आना। कोरोना संक्रमण के डर से लोग बुखार होने पर जांच कराने भी नहीं जा रहे है। ऐसे में डेंगू या मलेरिया होने पर देरी से इलाज शुरू होने पर ये बीमारी घातक सिद्ध हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हर बुखार कोरोना, डेंगू या मलेरिया नहीं होता, इसलिए घबराएं नहीं, अपनी जांच कराए।
डेंगू का कारण
-डेंगू मादा एडिज मच्छर के काटने से होता है, ये मच्छर दिन में काटता है। इस मच्छर की पहचान है कि ये आकार में बड़ा होता है और सफेद-काली पट्टी इस पर होती है।
डेंगू के लक्षण
-बुखार के साथ शरीर पर लाल चकते पड़ जाते है।
-उल्टी होना, पेट दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना।
-डेंगू हेमरेजिक फीवर में नाक, मुंह, गुप्तांगों से खून आना।
-डेंगू शॉक सिंड्रोम में बीपी कंट्रोल नहीं होना।
इन लक्षणों के दिखते ही तुरंत जांच कराए। जिला अस्पताल में डेंगू की जांच निशुल्क होती है।
मलेरिया का कारण
-मलेरिया मादा एनोफेलिज मच्छर के काटने से होता है। मच्छर अपने डंक से मलेरिया का लार्वा शरीर में छोड़ता है। ये मच्छर आकार में बहुत छोटा होता है और आवाज करता है।
मलेरिया के लक्षण
-अचानक सर्दी लगना, कंपकंपी छूटना, अधिक से अधिक रजाई कंबल ओढऩा।
-फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना।
-पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोर महसूस करना।
-कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। बुखार आने पर रक्त की जांच कराएं। जिला अस्पताल में रेपिड टेस्ट में तुरंत जांच होकर रिपोर्ट आ जाती है।
डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए ये रखे सावधानी
-घरों में खुला पानी जैसे अंडरग्राउंड टंकी, छतों पर रखी टंकी, कूलर आदि में सात दिन तक पानी जमा न रखे।
-अधिक दिनों तक जमा पानी में मच्छर अंडे देता है और सात दिन में लार्वा पनप जाता है।
-घर के आसपास साफ सफाई पर ध्यान दे, खाली प्लाटों पर पानी न जमा होने दे।
-खुली नालियों में मच्छर रोधी दवाई का छिड़काव कराएं। जमा पानी में जला हुआ ऑयल या केरोसिन डाले।
-बच्चों को पूरी बांह के कपड़े पहनाकर रखे, मच्छरदानी का प्रयोग करें।
253 घरों में हुआ लार्वा का सर्वे
डेंगू की रोकथाम के लिए मंगलवार को भी मलेरिया विभाग और निगम स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे अभियान चलाया गया। इस दौरान सिंघाड़ तलाई और बंगाली कॉलोनी क्षेत्र में 253 घरों में सर्वे किया गया। निगम के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी शाहीन खान ने बताया कि जिन घरों में लार्वा मिला है, वहां जमा पानी को फिकवाकर दवाई का छिड़काव कराया गया। साथ ही शाम को क्षेत्र में फागिंग भी कराई गई। वहीं, मलेरिया विभाग द्वारा डेंगू के लक्षण वाले मरीजों की एलाइजा टेस्ट किट से जांच भी की गई है। पूर्व की तुलना में अब मरीजों की संख्या में कमी आई है।
जिला अस्पताल में ही कराए जांच
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव के लिए मच्छरों का पनपने का मौका न दे। पानी का जमाव न होने दे और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। बुखार होने पर जिला अस्पताल में ही जांच कराएं, क्योंकि लैब की जांच मान्य नहीं होगी। जिला अस्पताल में सभी जांच निशुल्क हो रही है।
डॉ. मनीषा जुनेजा, जिला मलेरिया अधिकारी
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