प्रशासन की तरफ से चाइनीज, नायलोन मांझा की जांच को लेकर अभी तक शहर में किसी भी प्रकार की जांच नहीं की है। इससे बाजार में खुले तौर पर नायलोन मांझा बिक रहा है। नायलोन और चाइनीज मांझे की चपेट में पक्षी या इंसानों के आने से हादसे की आशंका ज्यादा है। संक्रांति से एक दिन पूर्व मंगलवार को शहर में पतंग धागों की कुछ दुकानों पर जाकर चाइनीज धागे की उपलब्धता को लेकर स्थिति को परखा। चाइनीज मांझा तो खुले तौर पर नहीं मिला। गुपचुप जरूर, लेकिन चाइनीज मांझा बिक रहा है। खुले तौर पर नायलोन मांझा बिकते मिले।
हिंदुस्तानी व चाइनीज, नायलोन मांझा में अंतर
हिन्दुस्तानी मांझा धागे से बना होता है, जो शरीर के अंगों से टकराने के बाद कमजोर हो जाता है और टूट जाता है। चाइनीज़ मांझा प्लास्टिक की मजबूत डोर, कांच और कैमिकल से मिश्रण से सूता होता है। मांझे में शरीर से टकराने के बाद कोई फर्क नहीं पड़ता है। इससे शारीर को नुकसान ही होता है। प्लास्टिक युक्त होने से पतंग नहीं कटती है।
हिन्दुस्तानी मांझा धागे से बना होता है, जो शरीर के अंगों से टकराने के बाद कमजोर हो जाता है और टूट जाता है। चाइनीज़ मांझा प्लास्टिक की मजबूत डोर, कांच और कैमिकल से मिश्रण से सूता होता है। मांझे में शरीर से टकराने के बाद कोई फर्क नहीं पड़ता है। इससे शारीर को नुकसान ही होता है। प्लास्टिक युक्त होने से पतंग नहीं कटती है।
बुरहानपुर में हो चुकी बालक की मौत
चाइनीज मांझे की चपेट में आने से पिछले सप्ताह बुरहानपुर में एक बच्चे की मौत हो चुकी है। चाइनीज और नायलोन मांझे की चपेट में आने से पक्षियों के हाथ, पैर व गर्दन कट जाती है, जिससे उनकी मौत हो जाती। इस प्रकार कई लोगों के हाथ और गर्दनों को भी जख्मी कर देता है।
चाइनीज मांझे की चपेट में आने से पिछले सप्ताह बुरहानपुर में एक बच्चे की मौत हो चुकी है। चाइनीज और नायलोन मांझे की चपेट में आने से पक्षियों के हाथ, पैर व गर्दन कट जाती है, जिससे उनकी मौत हो जाती। इस प्रकार कई लोगों के हाथ और गर्दनों को भी जख्मी कर देता है।