डिप्टी कलेक्टरो की कमी
जिला मुख्यालय पर कलेक्टर, अपर कलेक्टर पद को छोड़ दे तो जिला व तहसीलदार स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था के लिए राज्य प्रशासनिक अधिकारियों यानी डिप्टी कलेक्टरों के स्वीकृत पद 9 हैं। लेकिन जिले में वर्तमान समय में सात डिप्टी कलेक्टर हैं। जिसमें चार डिप्टी कलेक्टरों को राजस्व अनुभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि कार्यालय में कई विभागों का कार्य 3 डिप्टी कलेक्टरों के भरोसे है। ऐसे में कलेक्टर कार्यालय में प्रशासकीय कार्य के लिए कागजी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
जिला मुख्यालय पर कलेक्टर, अपर कलेक्टर पद को छोड़ दे तो जिला व तहसीलदार स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था के लिए राज्य प्रशासनिक अधिकारियों यानी डिप्टी कलेक्टरों के स्वीकृत पद 9 हैं। लेकिन जिले में वर्तमान समय में सात डिप्टी कलेक्टर हैं। जिसमें चार डिप्टी कलेक्टरों को राजस्व अनुभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि कार्यालय में कई विभागों का कार्य 3 डिप्टी कलेक्टरों के भरोसे है। ऐसे में कलेक्टर कार्यालय में प्रशासकीय कार्य के लिए कागजी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
कलेक्ट्रेट में बाबुओं का टोटा
इसी तरह कलेक्ट्रेट शाखा में 21 बाबू कार्य कर रहे हैं। जिसमें ज्यादातर प्रतिनियुक्ति पर, या फिर अन्य विभागों से अटैच किए गए हैं। स्वीकृत पदों की तुलना में बाबुओं की कमी के चलते कार्यालय का कार्य प्रभावित हो रहा है। लंबे समय से जिला प्रशासन कई बार शासन को पत्र लिखा। बावजूद इसके शासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही शासन इस व्यवस्था को बनाने पर विचार कर रही है।
इसी तरह कलेक्ट्रेट शाखा में 21 बाबू कार्य कर रहे हैं। जिसमें ज्यादातर प्रतिनियुक्ति पर, या फिर अन्य विभागों से अटैच किए गए हैं। स्वीकृत पदों की तुलना में बाबुओं की कमी के चलते कार्यालय का कार्य प्रभावित हो रहा है। लंबे समय से जिला प्रशासन कई बार शासन को पत्र लिखा। बावजूद इसके शासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही शासन इस व्यवस्था को बनाने पर विचार कर रही है।
तहसीलों में प्रभार पर प्रशासनिक जिम्मेदारी
जिले में तहसीलदारों के छह पद स्वीकृत हैं। लेकिन व्यवस्था तीन तहसीलदारों के भरोसे चल रही है। इसी तरह 13 नायब तहसीलदारो की जगह 11 के भरोसे व्यवस्था चल रही है। जबकि फील्ड में प्रशासनिक व्यवस्थाएं एसडीएम, तहसीलदार के कंधे पर होती है। लेकिन पचास फीसदी तहसीलों में प्रभार के भरोसे प्रशासनिक व्यवस्था होने से राजस्व समेत फील्ड में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी है। प्रभार की व्यवस्थाएं होने के चलते फील्ड की न तो मॉनीटरिंग हो पा रही है और ही योजनाओं के क्रियान्वयन की देखरेख हो रही है।
जिले में तहसीलदारों के छह पद स्वीकृत हैं। लेकिन व्यवस्था तीन तहसीलदारों के भरोसे चल रही है। इसी तरह 13 नायब तहसीलदारो की जगह 11 के भरोसे व्यवस्था चल रही है। जबकि फील्ड में प्रशासनिक व्यवस्थाएं एसडीएम, तहसीलदार के कंधे पर होती है। लेकिन पचास फीसदी तहसीलों में प्रभार के भरोसे प्रशासनिक व्यवस्था होने से राजस्व समेत फील्ड में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी है। प्रभार की व्यवस्थाएं होने के चलते फील्ड की न तो मॉनीटरिंग हो पा रही है और ही योजनाओं के क्रियान्वयन की देखरेख हो रही है।
कलेक्ट्रेट में प्रभार के लिए जद्दो जहद
कलेक्ट्रेट से तहसील तक अधिकारियों की टेबल तक पहुंचने के लिए कई दागी बाबू भी जद्दो जहद कर रहे हैं। कर्मचारियों की कमी का फायदा उठाने के लिए अपना आभा मंडल बनाने के फिराक में हैं। उदाहरण के तौर पर खंडवा तहसील में पदस्थ कुछ बाबू कलेक्ट्रेट शाखा में पहुुंचने के लिए जोरअजमाइस में लगे हैं। यहां तक नेताओं का भी सहारा ले रहे हैं। कुछ तो अधिकारियों के आगे पीछे चापलूसी में जुटे हैं। जिससे उन्हें प्रभावशाली टेबल का प्रभार मिल जाए।
कलेक्ट्रेट से तहसील तक अधिकारियों की टेबल तक पहुंचने के लिए कई दागी बाबू भी जद्दो जहद कर रहे हैं। कर्मचारियों की कमी का फायदा उठाने के लिए अपना आभा मंडल बनाने के फिराक में हैं। उदाहरण के तौर पर खंडवा तहसील में पदस्थ कुछ बाबू कलेक्ट्रेट शाखा में पहुुंचने के लिए जोरअजमाइस में लगे हैं। यहां तक नेताओं का भी सहारा ले रहे हैं। कुछ तो अधिकारियों के आगे पीछे चापलूसी में जुटे हैं। जिससे उन्हें प्रभावशाली टेबल का प्रभार मिल जाए।
तहसीलों में बाबूराज
कलेक्ट्रेट से लेकर तहसीलों में बाबूराज चल रहा है। कई बाबू लंबे समय से एक ही कुर्सी पर अंगद की तरह पांव जमाए हुए हैं। नजूल, तहसीलदार, एसडीएम समेत कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं के साथ ही खाद्य विभाग के बाबू लंबे समय से एक की कुर्सी पर कुंडलीमार कर बैठे हैं।
कलेक्ट्रेट से लेकर तहसीलों में बाबूराज चल रहा है। कई बाबू लंबे समय से एक ही कुर्सी पर अंगद की तरह पांव जमाए हुए हैं। नजूल, तहसीलदार, एसडीएम समेत कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं के साथ ही खाद्य विभाग के बाबू लंबे समय से एक की कुर्सी पर कुंडलीमार कर बैठे हैं।
वर्जन...
कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी शासन को भेज दी गई है। रिक्त पदों को भरने के लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।
शंकरलाल सिंगाड़े, अपर कलेक्टर
कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के रिक्त पदों की जानकारी शासन को भेज दी गई है। रिक्त पदों को भरने के लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।
शंकरलाल सिंगाड़े, अपर कलेक्टर