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ये कैसा प्रतिभा पर्व… बच्चे झुंड बनाकर नकल करते मिले

locationखंडवाPublished: Dec 06, 2017 12:25:23 pm

शहर सहित जिलेभर के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की शिक्षा गुणवत्ता परखने के लिए तीन दिनी प्रतिभा पर्व मंगलवार से शुरू हुआ।

pratibha parv

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खंडवा. शहर सहित जिलेभर के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की शिक्षा गुणवत्ता परखने के लिए तीन दिनी प्रतिभा पर्व मंगलवार से शुरू हुआ। लेकिन पहले ही दिन अव्यवस्थाओं की भरमार नजर आई। विद्यार्थियों की प्रतिभा परखने की विभागीय मंशा पर जमीनी स्तर पर पलीता लगते हुए नजर आया। शहर के ही स्कूलों में कहीं झुंड बनाकर बच्चे नकल करते हुए मिले तो कहीं परीक्षा खत्म होने के तय समय से पहले ही ताला लगा लगा मिला।
विभाग की मंशा है कि प्राइमरी और मिडिल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक स्तर सुधरे।
अगर वे कमजोर हैं तो उसमें सुधार के प्रयास किए जाएं। इसी उद्देश्य से प्रतिभा पर्व का आयोजन हो रहा है लेकिन मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। जिले के 1645 स्कूलों में प्रतिभा पर्व ५,६ व ७ दिसंबर को मनाया जा रहा है। इसमें 1.65 लाख छात्र-छात्राओं के लिए 140 निरीक्षणकर्ता रखे गए हैं। १७२ मिडिल स्कूल शाला सिद्धि के अंतर्गत चयनित हैं। इनके यहां ३०-३० छात्र-छात्राओं का होगा मूल्यांकन होगा।
समय से पहले लगा मिला ताला
स्कूल: शा. माध्यमिक कन्या शाला
समय: दोपहर १२.२५ बजे
स्थिति : प्रतिभा पर्व के तहत परीक्षा का समय सुबह ११ से दोपहर १ बजे तक का है लेकिन स्कूल में परीक्षा खत्म होने के तय समय से भी काफी पहले दोपहर १२.२५ बजे ही ताला लगा हुआ मिला। यहां स्टाफ कक्ष में मौजूद शिक्षिकाओं ने कहा कि बच्चे तो चले गए, उनका पेपर हो गया है। हमारे यहां अंग्रेजी व संस्कृत के पेपर में ५८ में से ५३ बच्चे शामिल थे।
एक-दूजे की कॉपी में देखकर लिखा
स्कूल : सरोजिनी प्राथमिक कन्या शाल,
समय : दोपहर १२.३५ बजे
स्थिति : कक्षा दूसरी में यहां बच्चे झुंड बनाकर बैठे हुए नजर आए। इनका सामान्य-सा शुद्ध लेखन का पेपर चल रहा था लेकिन ये बच्चे शिक्षिकाओं की मौजूदगी के बावजूद एक-दूजे की कॉपी में देखकर लिख रहे थे। स्कूल की प्रधानपाठिका संध्या चौरे नकल मामले में बोलने से बचती रहीं। कहा-३८ में से ३४ बच्चे उपस्थित हैं। बाह्य मूल्यांकनकर्ता क्यों नहीं आए, ये हमें नहीं पता।
डीईओ ने गांव के स्कूल देखे, शहर में लापरवाही
डीईओ पीएस सोलंकी ने छैगांवमाखन ब्लॉक में छोटी छैगांवदेवी, दोंदवाड़ा व मिडिल स्कूल बामझर का निरीक्षण किया। डीईओ के अनुसार, इन स्कूलों में उपस्थिति ठीक मिली। इधर, शहर में निरीक्षणकर्ता नजर नहीं आए। बाह्य मूल्यांनकर्ता भी स्कूलों से नदारद मिले। यही वजह रही कि प्रतिभा पर्व को गंभीरता से नहीं लिया गया। इस पूरे मुद्दे पर जिम्मेदारों का कहना है कि सुधार करवाएंगे।
फोटो लेने से मना किया है
शहर के घासपुरा स्थित सरोजिनी प्राथमिक कन्या शाला में जब झुंड में बैठकर प्रतिभा पर्व का पर्चा हल कर रहे बच्चों का फोटो लेने के लिए कैमरा निकाला गया तो यहां मौजूद प्रधानपाठिका व शिक्षिका ने कहा कि हमें डीईओ ने मना किया है कि कोई भी आए, उसे फोटो खींचने नहीं देना है। जब इनसे पूछा गया कि बच्चे नकल कर रहे हैं, आप रोक क्यों नहीं रहे हो? तो ये जवाब देने से बचतीं रहीं।

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