scriptआदि शंकराचार्य की मूर्ति स्थापना का विरोध ठीक नहीं: महंत | Opposition to installation of Adi Shankaracharya's idol is not right: | Patrika News

आदि शंकराचार्य की मूर्ति स्थापना का विरोध ठीक नहीं: महंत

locationखंडवाPublished: Jun 15, 2022 01:02:12 pm

Submitted by:

shyam awasthi

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि महाराज पहुंचे ओंकारेश्वर

आदि शंकराचार्य की मूर्ति स्थापना का विरोध ठीक नहीं: महंत

भा अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरिमहाराज मंगलवार को ओंकारेश्वर पहुंचे। उन्होंने ममलेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की।

ओंकारेश्वर. अभा अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि महाराज मंगलवार को ओंकारेश्वर पहुंचे। उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची अष्ट धातु की मूर्ति स्थापना स्थल का अवलोकन किया और संग्रहालय, अद्वैत वेदांत संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोजेक्ट की जानकारी भी ली। ओंकारेश्वर पहुंचने पर सर्वप्रथम महाराज ने ममलेश्वर मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की।
मां नर्मदा के दर्शन पूजा-अर्चन करने के बाद जूना अखाड़े में इंद्रेश्वर महादेव मंदिर मैं भी अभिषेक किया। इसके पश्चात महाराज ने ओंकारेश्वर के साध-संतों एवं बाहर से आए हुए संतो के साथ बैठक कर प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे भारत हित रक्षा अभियान के प्रमुख सदस्यों से चर्चा की और लोगों से भी चर्चा करने के बाद उन्होंने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य महाराज ने ओमकारेश्वर में गुरु गोविंद पदाचार्य से दीक्षा ली थी। इसलिए ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की मूर्ति स्थापना और संग्रहालय, अद्वैत वेदांत विवि आदि का जो प्रोजेक्ट बनाया गया है। वह स्वागत योग्य है और इसमें किसी प्रकार भी किसी आदिवासी या निम्न वर्ग एवम रहवासियो ं को नुकसान नहीं होगा। महाराज ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य के इस प्रोजेक्ट का विरोध करना उचित नहीं है। क्योंकि इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ेगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा। साथ ही पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा।
ओंकारेश्वर प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है Óयोतिर्लिंग तीर्थ स्थल होने के साथ ही शंकराचार्य की दीक्षा स्थली भी है इसलिए यहां धार्मिक महत्व के साथ ही पौराणिक महत्व भी है और इसको पर्यटन के रूप में यदि विकसित किया जाता है तो यहां पर उन्नति होगी और लोगों को रोजगार मिलेगा और आने वाले श्रद्धालुओं को एक अ’छी व्यवस्थाओं का लाभ मिलेगा।
जिन संतों के आश्रम प्रभावित हो रहे हैं उनको भी विस्थापित कर आश्रम-कुटिया बना कर दी रही है। महाराज के साथ संत भी आए थे। ओंकारेश्वर में एसडीएम चंद्र सिंह सोलंकी, संस्कृति विभाग की ओर से डॉ शैलेंद्र मिश्रा ने स्वागत किया। इस अवसर तहसीलदार उदय मंडलोई एसडीओपी राकेश पेन्द्रों, टीआइ बलराम सिंह राठौर उपस्थित थे। प्रदेश पुरोहित पुजारी तीर्थ इकाई के अध्यक्ष पंडित जयप्रकश पुरोहित उपस्थित थे।
भारत हित रक्षा मंच ने अपना पक्ष रखा
भारत हित रक्षा अभियान के सदस्यों ने भी महाराजश्री से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा। समिति के प्रमुख अभय जैन ने बताया कि समिति का प्रोजेक्ट का कोई विरोध नही है पर ओंकार पर्वत पर मूर्ति स्थापित ना कर, नर्मदाजी के दक्षिण तट पर मूर्ति दीक्षा स्थली की ओर देखती हुई लगाई जाए जिससे ओंकार पर्वत का मूल स्वरूप भी बना रहेगा। यदि हमारी मांग नही मानी जायेगी तो हाईकोर्ट जाएंगे और हम आंदोलन करते रहेंगे ।
मूर्ति स्थापना वाली जगह की साफ-सफाई
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्री महंत हरि गिरि जी महाराज ने अपने साथ उपस्थित संत महात्माओं के साथ शंकराचार्य जी की स्थापना वाली जगह की साफ सफाई कर यह संदेश दिया इस पुनीत कार्य में हमारा यह एक बहुत छोटा सा योगदान है आदि गुरु शंकराचार्य और भगवान शिव के यहां सब सेवक हैं. इस पुनीत कार्य में हमें सहयोग करना चाहिए और इसमें कोई व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो