जानकारों ने बताया आरोपी राजकुमार पिछले करीब छह महिनों से न तो घर आ रहा था और न ही परिचितों से मिल रहा था। वह हमेशा अहमदाबाद में मानसिक रोग का इलाज कराने की बात कहता था। वारदात के समय उसने परिचित की बाइक ली और उससे ही वारदात की। भागीरथ ने बाइक मांगी तो चोरी होने की बात कही। साथ ही थाने में रिपोर्ट लिखाने का बोला। भागीरथ रिपोर्ट लिखाने पहुंचा और बाइक नंबर बताया। इससे पुलिस को आरोपी का पता चला। इस बीच भागीरथ ने बाइक के रुपए मांगे। जिस पर आरोपी ने घर भेजकर २५ हजार रुपए लेने की बात कही। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और भागीरथ के जरिए आरोपी को बाइक खरीदवाने के लिए बुलाया। जैसे ही आरोपी इंदौर नाके पर भागीरथ के पास पहुंचा, पुलिस ने धरदबोचा।