निगम चुनाव को लेकर हो रही रायशुमारी के दौरान कांग्रेसी शक्ति प्रदर्शन करने से बाज नहीं आए। यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता ढोल बाजे के साथ नारेबाजी करते हुए गांधी भवन पहुंचे तो वरिष्ठ नेताओं ने ढोल बंद करवा कर नारेबाजी से मना किया। इसके बाद अरुण यादव के गांधी भवन से जाते समय भी शक्ति प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करना शुरू कर दी। अरुण यादव ने फटकार लगाते नारेबाजी नहीं करने की सलाह दी।
पर्यवेक्षकों ने रायशुमारी के दौरान सभी को हाल से बाहर कर दिया। यहां तक कि मीडिया को भी प्रवेश नहीं दिया गया। रायशुमारी के दौरान ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष ओंकार पटेल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष ठा. इंदलसिंह पंवार मौजूद नहीं थे, अध्यक्ष द्वय अरुण यादव के साथ गमी के कार्यक्रम में शामिल होने चले गए। पर्यवेक्षकों के साथ प्रशांत बारचे और रवि जोशी मौजूद रहे।
पार्षदी की चाह में एक वार्ड से कई कई दावेदार सामने आए। गांधी भवन प्रांगण में सुबह से ही टिकट की दावेदारी के लिए नेता, कार्यकर्ता हाथों में बायोडाटा लिए घुमते रहे। पर्यवेक्षकों के आने का समय दोपहर 12 बजे था, लेकिन पर्यवेक्षक दोपहर दो बजे गांधी भवन पहुंचे। रायशुमारी में ढाई सौ से ज्यादा आवेदन पार्षद पद के लिए आए है। दावेदारी पेश करने के चक्कर में पर्यवेक्षक और अरुण यादव के सामने मुंह दिखाने के लिए भी कार्यकर्ताओं में होड़ नजर आई। गांधी भवन में अपने उद्बोधन से पूर्व अरुण यादव ने अनुशासन बनाए रखने के लिए ये तक कह दिया कि जो बैठेगा नहीं, उसकी दावेदारी खत्म मानी जाएगी।
मनोहर बैरागी, कांग्रेस पर्यवेक्षक