scriptपॉवर जनरेटिंग कंपनी में बिजली उत्पादन हुआ महंगा | Power generation costlier in power generating company | Patrika News

पॉवर जनरेटिंग कंपनी में बिजली उत्पादन हुआ महंगा

locationखंडवाPublished: Feb 18, 2020 11:59:16 am

-कोयले के दाम बढऩे से 2 से 11 पैसे तक महंगी हुई बिजली-सिंगाजी पॉवर प्लांट में सबसे ज्यादा हो रहा बिजली उत्पादन-बिजली उत्पादन महंगा होने से पड़ सकता है बिलों पर भी असर

पॉवर जनरेटिंग कंपनी में बिजली उत्पादन हुआ महंगा

-कोयले के दाम बढऩे से 2 से 11 पैसे तक महंगी हुई बिजली-सिंगाजी पॉवर प्लांट में सबसे ज्यादा हो रहा बिजली उत्पादन-बिजली उत्पादन महंगा होने से पड़ सकता है बिलों पर भी असर

खंडवा. मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के सभी ताप गृहों से बिजली उत्पादन करना 2 से 11 पैसे प्रति यूनिट तक महंगा हुआ है। इसकी पुष्टि पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा जारी की गई एमओडी मेें हुआ है। जनवरी माह की एमओडी फरवरी माह में जारी की गई है। जिसमें मप्र के चारों बिजली घरों की उत्पादन लागत बढ़ी है। इसकी वजह मापदंड से अधिक कोयले की खपत होना और महंगे दाम पर कोयला प्राप्त होना बताया जा रहा है। बिजली उत्पादन महंगा होने से उपभोक्ताओं को अगले माह मिलने वाले बिजली बिलों पर भी असर पड़ सकता है।
जेनकों की सभी कंपनियों में सर्वाधिक उत्पादन लागत सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की 830 मेगावाट क्षमता की 4 इकाइयों की बढ़ी है। इन इकाइयों से पहले 2.92 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उत्पादन होता था, जो जनवरी माह की एमओडी में बढ़कर 3.3 पैसे प्रति यूनिट हो गया है। इसी तरह 500 मेगावाट की सतपुड़ा परियोजना की उत्पादन लागत 2.37 पैसे से बढ़कर 2.40 पैसे प्रति यूनिट हो गई है। बिरसिंहपुर पॉवर प्लांट की 210-210 मेगावाट की 4 इकाइयों की उत्पादन लागत 1.94 से बढ़कर 1.98, 500 मेगावाट की इकाई की 1.80 से बढ़कर 1.85, अमरकंटक की 1.62 से बढ़कर 1.64 और श्री सिंगाजी की 2.76 से बढ़कर 2.81 व 2.75 से बढ़कर 2.82 पैसे प्रति यूनिट हो गई है।
जेनकों में हैं 16 इकाइयां
मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी के पास चार बिजली घर है। जिनमें 16 इकाइयां है। जिनकी क्षमता 5400 मेगावाट है। सोमवार शाम 6 बजे तक सिंगाजी पॉवर परियोजना की चार इकाईयों से 2300 मेगावाट बिजली उत्पादन सहित सभी 16 इकाइयों से 4 हजार 659 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन लिया गया। इन दिनों प्रदेश में बिजली की मांग 14 हजार मेगावाट के आसपास रह रही है। सिंगाजी परियोजना प्रमुख वीके कैलासिया का कहना है कि मांग के अनुरूप सिंगाजी की चारो इकाईयों से बिजली उत्पादन किया जा रहा। कोयले के रैक भी आ रहे हैं।
आधा हुआ कोल स्टॉक
दो माह पहले तक प्रदेश के चारों बिजली घरों में 15 लाख मीट्रिक टन के आसपास कोयले का भंडारण था जो इन दिनों सिमटकर 7 लाख 65 हजार मीट्रिक टन के आसपास आ पहुंचा है। वर्तमान में सर्वाधिक कोल स्टॉक श्री सिंगाजी पॉवर प्लांट खंडवा में 2 लाख 92 हजार मीट्रिक टन है। जबकि दूसरे नंबर पर सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी यहां 2 लाख 71 हजार मीट्रिक टन भंडारण है। इसी तरह बिरसिंहपुर में 1 लाख 22 हजार और अमरकंटक में 80 हजार मीट्रिक टन कोयले का भंडारण है।
प्रदेश के बिजली घरों पर एक नजर – सोमवार शाम 6 बजे तक
प्लांट – उत्पादन – क्षमता – भंडारण
सतपुड़ा – 1019 – 1330 – 2,71,000
अमरकंटक – 213 – 210 – 80,000
श्रीसिंगाजी – 2300 – 2520 – 2,92,000
बिरसिंहपुर – 1140 – 1340 – 1,22,000
(नोट -बिजली उत्पादन और क्षमता मेगावाट और कोल स्टॉक मीट्रिक टन में हैं।)

ट्रेंडिंग वीडियो