आगे नहीं आ रहे क्षेत्रीय नेता पीडब्ल्यूडी विभाग ने बीते वित्तीय वर्ष में बायपास निर्माण के लिए लगभग 133 करोड़ की सड़क व 100 करोड़ रुपए की अधिक लागत से निर्माण होना है। इसके अलावा अन्य निर्माण कार्यों को मिलाकर 250 करोड़ रुपए से अधिक लागत के बायपास के प्रस्ताव पर एक साल बाद भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। स्थानीय लोगों की मांग के बाद भी क्षेत्रीय नेता भी इस मुद्दे को लेकर आगे नहीं आ रहे हैं।
यहां बनेगे पुल व ओवब्रिज
शहर में प्रस्तावित बायपास के लिए तीन ओवर ब्रिज व तीन पुल निर्माण कराए जाएंगे। खंडवा-अकोला ब्राडगेज पर ओवर ब्रिज का निर्माण होगा। इसी तरह वाना नदी छैगांव देवी, आमना नदी, लोहारी, बड़गांव गूजर के पास भी ब्राडगेज पर ओवर ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है।
पंधाना में 10 करोड़ की सड़क को मंजूरी
पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव पर पंधाना क्षेत्र की तीन सड़कों के निर्माण पर शासन ने मुहर लगा दी है। जिसमें 3 करोड़ 76 लाख रुपए लागत की बिडया से संगवाड़ा, बलखड़ से मकल्लर दो करोड़ 47 लाख रुपए लागत की सड़क निर्माण होगी। इसी तरह पंधाना से रोशन हार को जोड़ने वाली सड़क निर्माण के लिए तीन करोड़ 27 लाख रुपए की सड़क का वर्कआर्डर जारी हो गया है।
वर्जन
भोपाल में वित्तीय समिति की बैठक नहीं हुई है। जिससे अभी तक प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। वित्तीय समिति की बैठक में बायपास के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है।
हृदेश आर्य, कार्य पालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग
शहर में प्रस्तावित बायपास के लिए तीन ओवर ब्रिज व तीन पुल निर्माण कराए जाएंगे। खंडवा-अकोला ब्राडगेज पर ओवर ब्रिज का निर्माण होगा। इसी तरह वाना नदी छैगांव देवी, आमना नदी, लोहारी, बड़गांव गूजर के पास भी ब्राडगेज पर ओवर ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है।
पंधाना में 10 करोड़ की सड़क को मंजूरी
पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव पर पंधाना क्षेत्र की तीन सड़कों के निर्माण पर शासन ने मुहर लगा दी है। जिसमें 3 करोड़ 76 लाख रुपए लागत की बिडया से संगवाड़ा, बलखड़ से मकल्लर दो करोड़ 47 लाख रुपए लागत की सड़क निर्माण होगी। इसी तरह पंधाना से रोशन हार को जोड़ने वाली सड़क निर्माण के लिए तीन करोड़ 27 लाख रुपए की सड़क का वर्कआर्डर जारी हो गया है।
वर्जन
भोपाल में वित्तीय समिति की बैठक नहीं हुई है। जिससे अभी तक प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। वित्तीय समिति की बैठक में बायपास के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है।
हृदेश आर्य, कार्य पालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग