खंडवा

भादौ में रिमझिम, बांधों के और गेट खोले, ऊंचाई बढ़ाई, नर्मदा और ताप्ती में बढ़ा जलस्तर

इंदिरा सागर मे तीन मीटर और ओंकारेश्वर बांध में भी गेटों की ऊंचाई बढ़ाई, बड़वानी में प्रदर्शन जारी, बुहरहानपुर में छोटा पुल डूबा

खंडवाAug 25, 2019 / 05:24 pm

राजीव जैन

Tapti RIver Burhanpur

खंडवा. प्रदेश पर इंद्र मेहरबान हैं। सावन में खूब भिगोने के बाद अब भादौ की शुरुआत में ही बने सिस्टम से पूरे सूबे में बारिश का दौर जारी है। निमाड़ में रविवार अलसुबह से शुरू हुआ रिमझिम का दौर बड़वानी, बुरहानपुर, खरगोन और खंडवा में रुक-रुक कर जारी है। भारत का सबसे ज्यादा पानी रखने वाला नर्मदा नगर पुनासा स्थित इंदिरा सागर बांध फुल है। जबलपुर जिले के बरगी बांध और होशंगाबाद के तवा बांध का पानी छोड़े जाने के बाद इंदिरा सागर बांध का जलस्तर नियंत्रित करने के लिए इंदिरा सागर बांध के लिए पिछले 10 दिन से खुले बांध के 12 गेटों की ऊंचाई बढ़ाकर तीन मीटर तक खोले गए। इसका पानी आगे ओंकारेश्वर बांध में जाने से वहां का जल स्तर मेनटेन करने के लिए उसके भी 14 गेट खोलने पड़े। मोटे तौर पर इंदिरा सागर बांध में 12,200,000,000 घन मीटर पानी स्टोर रहता है।
खंडवा जिले के पुनासा में नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध के कैचमेंट एरिया में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए रविवार सुबह बांध के 12 गेट की ऊंचाई बढ़ाकर3 मीटर तक खोले। गेट से 8700 क्यूमेक्स और टरबाइन से 1840 मीटर पानी छोड़ रहे। कुल 10540 क्यूमेक्स पानी छोड़ रहे हैं।
इंदिरासागर से पानी छूटने से ओंकारेश्वर बांध का जलस्तर बढ़ा है। जलस्तर नियंत्रित करने के लिए ओंकारेश्वर बांध के 10 से बढ़ाकर 14 गेट खोले। यहां गेट से 10000 क्यूमेक्स और टरबाइन से 1920 क्यूमेक्स यानी कुल 11920 क्यूमेक्स पानी छोड़ रहे हैं। इससे अंचल में नर्मदा नदी उफान पर है। प्रशासन ने जलस्तर बढ़ता देख खंडवा जिले के 24 गांवों में हाई अलर्ट जारी किया है। गौरतलब है कि प्रशासन ने 15 अगस्त को ही बांध खोलने की संभावना के चलते पहले ही अलर्ट जारी कर घाट किनारे की दुकान खाली करवा चुका है। इसके बाद से लगातार 10 दिन से पानी छोड़ा जा रहा है। ओकारेश्वर के बाद आगे यह पानी खरगोन जिले में मंडलेश्वर, महेश्वर, कसरावद होकर बड़वानी तक जाता है।
 

 

बड़वानी का रविवार का हाल
बड़वानी जिले में राजघाट पर सुबह 10 बजे नर्मदा का जलस्तर 133.300 मीटर रहा। रविवार को अनशन अंजड़ के छोटा बड़दा में दोपहर 12 बजे रैली निकालकर प्रदर्शन कर रहे हैं। टापू बने राजघाट में कई डूब प्रभावित परिवार आज भी रुके हुए हैं। प्रशासन इन लोगों को यहां से निकालने के लिए पिछले कई दिनों से प्रयास कर रहा है। उसके बाद भी लोग मूल गांव छोडऩे को राजी नहीं हो रहे हैं। वहीं गुजरात स्थित सरदार सरोवर बांध के गेट नहीं खुलने और बिना पुनर्वास आ रही डूब के विरोध में गांवों में आंदोलन चल रहा है।
बांध की ऊंचाई न बढ़ाकर पुनर्वास पर ध्यान दे सरकार: मेधा पाटकर
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेतृत्वकर्ता मेधा पाटकर का कहना है कि सरदार सरोवर बांध में 133 मीटर की ऊंचाई तक पानी भरने के बाद डूब प्रभावित क्षेत्र की स्थिति खराब होती जा रही है। इसके बावजूद पुनर्वास पर ध्यान न देकर बांध में और पानी भरा जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि मध्यप्रदेश की नई सरकार ने बातचीत तो शुरू की है, लेकिन पुनर्वास का काम पूरा नहीं हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों के लोग चाहते हैं कि उनका विस्थापन कर लाभ दिया जाए, लेकिन प्रशासन मनमर्जी से काम कर रहा है। 32 हजार परिवारों में से 16 हजार को डूब प्रभावितों की सूची से बाहर कर दिया गया है, जबकि हकीकत में ये आज भी डूब प्रभावित क्षेत्र में हैं। पाटकर समेत डूब प्रभावितों ने शनिवार को पीएम नरेन्द्र मोदी को खुला खत लिखकर व्यवस्था बताई। पाटकर ने कहा, इस साल 139 मीटर तक बांध में पानी नहीं भरना चाहिए। गुजरात में वैसे भी इस साल अधिक बारिश होने के कारण पानी ही पानी है। बांध की ऊंचाई बढ़ाए जाने से मध्यप्रदेश को भी कोई लाभ नहीं हुआ है।
 

 

ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा लाल देवल डूबा
ऊपरी क्षेत्र में लगातार बारिश से ताप्ती नदी में पानी बढ़ गया। बुरहानपुर में रात करीब एक बजे अचानक राजघाट पर पानी बढऩे से लाल देवल मंदिर सहित अन्य छोटे मंदिर डूब गए। ताप्ती नदी का छोटा पुल भी डूब गया। घाट पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। बताया जा रहा है कि बैतूल और उसके आसपास बांधों में पानी छोडऩे से बानी बढ़ा है। उद्गम स्थल मुलताई में भी अच्छी बारिश से सरोवर भर गया।
 

Indira sagar dam IMAGE CREDIT: patrika
बांध का अधिकतम जल स्तर की क्षमता 262.13 निर्धारित
बांधों से पानी छोडऩे के बाद नर्मदा उफान पर है। जिसे देखते हुए नर्मदा किनारे स्थित पुनासा और हरसूद ब्लॉक के 24 ग्रामों को हाई अलर्ट पर रखा है। जहां सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। इंदिरा सागर बांध के गेट खोलने की स्थिति सात वर्षों बाद बनी है। पिछले वर्षों में सामान्य बारिश होने से बांध पूरा नहीं भर पाया। इस वर्ष भारी बारिश होने से इंदिरा सागर बांध लबालब हो गया। बांध का अधिकतम जल स्तर की क्षमता 262.13 निर्धारित है। गौरतलब है इस सीजन से पहले 3 सितंबर 2012 को बांध के सभी 20 गेट खोले गए थे।
Khandwa Rain photo
Khandwa Rain photo IMAGE CREDIT: patrika
नर्मदा पर बने बांधों में ऐसे आगे बढ़ता है पानी
गेट खुलने पर ऐसे आता है पानी समय दूरी
बरगी डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 36-40 घंटे 302 किमी
तवा डैम से नर्मदा नदी होशंगाबाद 6-8 घंटे 40 किमी
नर्मदा होशंगाबाद से इंदिरासागर बांध 12-14 घंटे 170 किमी
इंदिरासागर बांध से ओंकारेश्वर बांध 5-8 घंटे 50 किमी
ओंकारेश्वर बांध से नर्मदा मंडलेश्वर 6-8 घंटे 45 किमी
मंडलेश्वर से सरदार सरोवर परियोजना 12-15 घंटे 224 किमी
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