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चारों ओर पानी से घिरा राजघाट, प्रशासन पहुंचा रेस्क्यू करने, हुआ विरोध

locationखंडवाPublished: Aug 09, 2019 08:03:35 pm

डूब में आ रही सात दुकानों, तीन कुटिया कराई खाली, लगे प्रशासन के खिलाफ नारे, नर्मदा का जलस्तर 129 मीटर पहुंचा, खतरे के निशान से पौने छह मीटर ऊपर , तेजी से बढ़ रहा पानी, हाईअलर्ट पर प्रशासन, राजघाट पर नबआं का सत्याग्रह जारी
 

बड़वानी में राजघाट पर पानी भरने से बसती में पानी घुसा चली नाव

बड़वानी में राजघाट पर पानी भरने से बसती में पानी घुसा चली नाव

बड़वानी. सरदार सरोवर बांध की डूब में आ रहा राजघाट कुकरा में गुरुवार सुबह तेजी से पानी भराया। यहां बुधवार रात 11 बजे कलेक्टर और एसपी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। रात में ही नर्मदा में बढ़ते पानी को लेकर गुरुवार सुबह से डूब क्षेत्र में लगी दुकानें, मकान, मंदिर और आश्रमों को टीन शेड में विस्थापित करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद गुरुवार सुबह 8 बजे प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीम यहां रेस्क्यू के लिए पहुंची। यहां दुकानें और कुटिया नुमा मकान खाली कराने पर प्रशासन का जमकर विरोध हुआ और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। गुरुवार सुबह 6 बजे नर्मद का जलस्तर खतरे के निशान से सवा चार मीटर ऊपर पहुंच गया था। जिसके बाद अपर कलेक्टर रेखा पंकज राठौर और एसडीएम अभयसिंह ओहरिया राजघाट पर रह रहे लोगों को हटाने पहुंचे थे। यहां पांच आश्रम, पांच मंदिर, तीन कुटिया और सात दुकानें हटवाई गई। यहां मौजूद नर्मदा बचाओ आंदोलन और दुकानदारों ने दुकानें खाली कराने का जमकर विरोध भी किया। लोगों का कहना था कि प्लाट दिए, लेकिन 5.80 लाख का पैकेज नहीं मिला है। ऐसे में कैसे चले जाए। हालांकि जो दुकानदार 2017 के बाद यहां बसे से थे, वे स्वेच्छा से दुकान हटाने लगे। यहां मौजूद 104 साल पुराना दत्तात्रेय मंदिर भी खाली कराया गया। मंदिर पुजारी सचिन शुक्ला ने प्रशासन के कहने पर मंदिर तो खाली कर दिया, लेकिन उनका कहना था कि मंदिर का प्लाट दिया गया है मुआवजा नहीं मिला है।

नबआं ने लगाया धमकाकर हटाने का आरोप

प्रशासन द्वारा राजघाट से लोगों को हटाए जाने का जमकर विरोध भी हुआ। लोगों ने एडीएम और एसडीएम को घेर उनके खिलाफ भी नारेबाजी की। नबआं कार्यकर्ताओं का कहना था कि प्रशासन द्वारा कोई भी चर्चा न करते हुए बड़वानी एसडीएम और तहसीलदार व अन्य अधिकारियों ने पुलिस बल द्वारा राजघाट गांव के विस्थापितों के घरों, दुकानों में घुसकर उनको डरा धमकाकर ट्रैक्टर ट्रॉली में सामान रखकर टीनशेड्स में ले जाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा एक बूढ़ी महिला का घर खाली कराया। जबकि उसे घर बनाने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार 5 लाख 80 रुपए न देते हुए टीनशेड्स में ले जाया गया और जिन दुकानदारों की दुकानें हटवाई गई उनको भी अभी तक दुकान के लिए भूखंड नहीं दिया गया।
रात में चारों ओर से घिर गया राजघाट

पिछले चार दिनों से नर्मदा का जल स्तर बैक वॉटर से बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार से शुरू हुई बारिश के चलते नर्मदा की सहायक नदियों में उफान आया हुआ है। जिसके चलते गुरुवार को नर्मदा का जल स्तर पल-पल कर बढ़ता चला गया। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक नर्मदा के जल स्तर में एक मीटर की बढ़ोत्तरी हुई। सुबह जहां दत्तात्रेय मंदिर की निचली पेेड़ी पर पानी था, वहीं शाम 6 बजे गर्भग्रह तक पानी पहुंच गया। रात 9 बजे तक राजघाट चारों ओर से पानी से घिर गया। राजघाट जाने वाले मार्ग पर एक किमी दूर स्थित पुलिया पर भी पानी आ गया। रात में यहां आवागमन के लिए बचा एकमात्र रास्ता भी बंद हो गया। जिसके चलते राजघाट आने-जाने के लिए सडक़ पर पानी में नाव चलाना पड़ी। वहीं, सुबह ही प्रशासन ने राजघाट की बिजली कटवा दी थी। जिसके चलते रात में यहां अंधेरा पसरा रहा। सत्याग्रह पर बैठे नबआं कार्यकर्ताओं ने बैटरी से लाइट लगाकर रात काटी।
सत्याग्रह स्थल से 15 फीट दूर पानी

नर्मदा घाटी के विस्थापित अपनी मांगों को लेकर राजघाट गांव में सत्याग्रह पर बैठे है। डूब का पानी सत्याग्रह स्थल से मात्र कुछ ही दूरी पर होते हुए भी, न तो प्रशासन से और न ही सरकार की ओर से कोई सत्याग्रहियों से चर्चा के लिए पहुंचे। नबआं के राहुल यादव ने बताया कि सत्याग्रहियों का आग्रह है कि सभी का पुनर्वास नही हुआ है। ऐसे में हमारे घर, दुकानें, जमीनें डुबाना गैर कानूनी है। इसलिए सरदार सरोवर के गेट खोल कर गांवों में पानी भरने से रोकना चाहिए। मप्र सरकार ने गेट खोलने की मांग करते हुए सही वाटर रेगुलेशन की नीति अपनानी चाहिए। रात 8 बजे तक राजघाट पर सत्याग्रह स्थल से मात्र 15 फीट की दूरी पर पानी था। सत्याग्रह पर बैठे आंदोलनकारियों का कहना था कि जब तक सभी का पुनर्वास नहीं होता तब तक बैठे रहेंगे, चाहे डूब ही आ जाए।
इंदौर-खरगोन स्टेट हाईवे पर सावला व बालसमुद के पास गिरे पेड़े, यातायात ठप
खरगोन को इंदौर, गुजरात व महाराष्ट्र से जोडऩे वाले मार्ग अवरुद्ध
बीते 24 घंटे से हो रही लगातार बारिश ने यातायात व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। बारिश के चलते नदी-नाले खूब उफने। कई जगह पेड़ धराशाई हो गए। इसके कारण गुजरात, महाराष्ट्र सहित मालवांचल से शहर का संपर्क टूट गया। लगातार हो रही बारिश से कुंदा नदी में पहली बार बाढ़ जैसे हालात बने। कुंदा में पानी आने की वजह से तटों पर लगे ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क शहर से टूट गया। समीपस्थ ग्राम नवलपुरा, अवरकच्छ में पुलिया जलमग्न हो गई। इसी तरह शहर के उत्तरी छोर से बहने वाली संकरी नदी ने भी ग्रामीण रुट में बाधा डाली। ओरंगपुरा से रणगांव, दामखेड़ा की ओर जाने वाला रास्ता अवरुद्ध हो गया। यहां पुलिया पानी में डूब गई। ऊन और सेगांव के बीच दिवाली-बंधानी नदी में बाढ़ आने से सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक वाहनों की आवाजाही बाधित रही। यहां बीच-बीच में पानी कम होने से बड़े वाहन तो निकले। छोटे चार पहिया वाहन पार नहीं हो पाए। बालसमुद के पास साटक नदी में बाढ़ से पुल पर दरारें आ गई। इसके बाद भी इस पुल से दिनभर सैकड़ों वाहन निकलते रहे। चिरिया क्षेत्र में नदी-नाले उफान से खरगोन व्हाया महाराष्ट्र जाने वाले मार्ग पर आगवामन बाधित हुआ।
लोगों के घरों में घुसा पानी
रातभर चली बारिश के बाद शहर में भी पानी बह निकला। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। वार्ड तीन बैंक कॉलोनी में सचिन तोमर के घर कीचन तक पानी दाखिल हो गया। नागेश्वर कॉलोनी में भी पानी घरों में घुसा। रातभर हुई बारिश के बाद किला परिसर में प्राचीन दीवार का एक हिस्सा भरभराकर गिरने की स्थिति में जा पहुंचा है। दीवार पर दरारें पड़ गई हैं। कभी भी हादसा हो सकता है। रातभर हुई बारिश के बाद सीजन में पहली बार कुंदा नदी में बाढ़ जैसे हालात बने। पानी शाम तक पुल के नीचे से ही बहा। आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रपटें जलमग्न हो गई। कुंदा में बनी बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए नगर पालिका ने मुनादी कराई। तटीय क्षेत्रों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी। इसके अलावा नदी के किनारों पर सेल्फी न लेने व पुलिया पर पानी होने पर पार न करने की हिदायत दी। बुधवार रात करीब 10 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ और गुरुवार को शाम तक जारी रहा। गुरुवार सुबह 10 बजे तक खरगोन में चार इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की। जबकि गोगांवा में पौने चार इंच बारिश दर्ज हुई। भू अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष की तुलना में अब तक खरगोन ब्लॉक में 20 इंच ज्यादा बारिश हुई है।
बुरहानपुर जिले में बुधवार रात से लगातार तेज बारिश का दौर जारी है ।
बुरहानपुर में स्कूलों की छुट्टी घोषित, ताप्ती खतरे के निशान के ऊपर

बुरहानपुर में बुधवार से लगातार जारी बारिश से बुरहानपुर में पानी-पानी हो गया। 24 घंटे में 4 इंच के करीब बारिश दर्जकी जा चुकी है। जबकि पिछले साल का भी रिकॉर्ड बारिश ने तोड़ दिया है। गुरुवार को सुबह कईगांव का संपर्क खकनार तहसील से टूटने के बाद कलेक्टर ने हालातों को देखते हुए स्कूल की छुट्टी घोषित करवा दी। लगातार हुईबारिश से नदी-नाले उफान पर बह निकले। बुरहानपुर में जहां ताप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह निकली। वहीं खकनार क्षेत्र की उतावली नदी भी बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई जगह छोटी पुलिया डूबने से 20 गांव से अधिक संपर्क टूटगया।
जान जोखिम में डाल बीच पुल तक जा पहुंचा बाइक सवार

खकनार क्षेत्रके जामुनिया नाला उफान पर बहने से पुलिया के ऊपर से पानी बह निकला। लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करने लगे। एक युवक बाइक लेकर बीच नदी तक गया और घबराकर रुक गया। ग्रामीण उसे देख उसके पास तक पहुंचे और उसे बाइक सहित वापस लाए। ग्रामीणों ने कहा कि यहां सुरक्षा के कोईइंतजाम नहीं है।

यहां पर छात्रावास में दो फीटभरा पानी

खकनार के आदिवासी क्षेत्रावास के मैदान में पानी भर गया, पानी की निकासी न होने से छात्रावास के कमरों में भी दो फीटतक पानी भर गया। यहां मौजूद 50 से अधिक छात्राएं घबरा गई। गुरुवार सुबह तहसीलदार मौके पर पहुंचे। सभी छात्राओं को सुरक्षित बाहर कर अन्य जगह शिफ्ट किया गया।

अब तक पिछले साल से अधिक बारिश

24 घंटे में बुरहानपुर जिले में 92.3 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि अब तक 600 एमएम पानी आ गया। पिछले साल इस अवधि तक 402.8 एमएम पानी बरसा था।
ताप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह निकली।
खंडवा में आठ इंच बारिश, 24 घंटों में जिले में नदी-नाले उफान पर

तडक़े करीब 3 बजे से 5.30 बजे तक हुई तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से शहर की सडक़ें पानी से लबालब हो गई। तीन पुलिया में जलस्तर पर बढऩे से आनंद नगर व गणेश तलाई की ओर जाने वाला रास्ता बंद रहा। वहीं स्टेशन रोड पर पानी जमा होने से दुकानों में घुस गया। इससे दुकानदार परेशान रहे। इस दौरान पिछले 24 घंटों में खंडवा में आठ इंच बारिश हुई तो जिले में 12.19 इंच बारिश दर्ज की गई। खंडवा में सुबह 8 बजे तक 137 मिमी बारिश और सुबह 8 से शाम 5 बजे 61 मिमी बारिश हुई। इसके बाद भी देर रात तक बारिश का क्रम जारी रहा। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को जिले में भारी बारिश होने की संभावना है। तेज हवाओं के साथ बारिश होने से पेड़ गिरने जैसी घटना सामने आने का अंदेशा बना हुआ है।

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