नर्सिंग काउंसिल ने 8 अप्रैल को एक आदेश जारी कर प्रदेश के 200 से अधिक नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की है। नर्सिंग कॉलेज संचालक एसोसिएशन ने नर्सिंग काउंसिल के फैसले पर आपत्ति उठाते हुए इसमें संशोधन की मांग की है। नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को कहां समायोजित किया जाएगा, इस बारे में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के बाद कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की चिंता बढ़ गई है।
19 जुलाई तक करवा सकेंगे नामांकन
नर्सिंग काउंसिल के नोटिफिकेशन के मुताबिक पंजीयन 24 जून से शुरू होगा, और 9 जुलाई तक सामान्य शुल्क के साथ चलेगा। विलंब शुल्क के साथ 10 जुलाई से 14 जुलाई और अति विलंब शुल्क के साथ 15 से 19 जुलाई तक अलग-अलग सत्रों के विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। कॉलेज में प्रवेशित छात्र-छात्राओं का नामांकन ऑनलाइन करवाना है । यह लिंक मान्यता प्राप्त कॉलेजों को जारी की गई है। ऐसे में अवैध करार दिए गए कॉलेजों में पढ़ रहे हैं विद्यार्थी प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं।
नर्सिंग काउंसिल के नोटिफिकेशन के मुताबिक पंजीयन 24 जून से शुरू होगा, और 9 जुलाई तक सामान्य शुल्क के साथ चलेगा। विलंब शुल्क के साथ 10 जुलाई से 14 जुलाई और अति विलंब शुल्क के साथ 15 से 19 जुलाई तक अलग-अलग सत्रों के विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। कॉलेज में प्रवेशित छात्र-छात्राओं का नामांकन ऑनलाइन करवाना है । यह लिंक मान्यता प्राप्त कॉलेजों को जारी की गई है। ऐसे में अवैध करार दिए गए कॉलेजों में पढ़ रहे हैं विद्यार्थी प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं।
- हमने शासन मांग की है कि जो कॉलेज मानकों को पूरा कर रहे हैं और पिछले सालों से चल रहे हैं उनकी मान्यता जारी रखी जाए। इसके लिए इंदौर हाइकोर्ट में भी रिट पिटीशन दायर की गई है।
डॉ. अभय पांडेय, अध्यक्ष नर्सिंग कॉलेज संचालक एसोसिएशन, मप्र.