election 2022- शहर विकास की जिम्मेदारी अब युवाओं के हाथ में
पहली बार की महापौर अमृता को मिलेगी नई युवा टीम
-29 में से 25 पार्षद पहली बार चुनकर आए परिषद में
-निगम अध्यक्ष के लिए सामने आ रहे दो नाम, निर्दलीय भी जता सकते दावेदारी
-एमआइसी में जातिगत समीकरण बैठाना भी कठिन होगा संगठन के सामने
खंडवा
Published: July 20, 2022 12:58:18 pm
खंडवा.
नगरीय निकाय चुनाव में सारी स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। गजट नोटिफिकेशन के बाद महापौर, पार्षदों के शपथ विधि का आयोजन होगा। इसके बाद पहली बैठक में निगम अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, एमआइसी गठन की प्रक्रिया होगी। पहली बार महापौर चुनकर आईं अमृता यादव को पहली परिषद में नई युवा टीम के साथ पांच साल विकास का खाका तैयार करना होगा। इस बार निगम में चुनकर आए अधिकतर पार्षद पहली बार सदन में बैठेंगे। अध्यक्ष के लिए अनुभवी पार्षद की तलाश में भाजपा के पास दो नाम सामने होंगे। एमआइसी में जातिगत समीकरण बैठाना भी संगठन के सामने कठिन होगा।
महापौर अमृता अमर यादव ने निकाय चुनाव में अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। अब महापौर अमृता के सामने सबसे बड़़ी चुनौती पांच साल शहर सरकार को चलाना और विकास की गति को आगे बढ़ाना है। इसमें उनके साथ जो टीम होगी, वो बिलकुल नई होगी, ऐसे में नई टीम के साथ उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। परिषद में भाजपा के कुल 29 पार्षद चुने गए हैं, जिसमें 25 पहली बार परिषद में पहुंचे है। इनमें अधिकतर युवा है और निगम परिषद की कार्यशैली का इन्हें अनुभव नहीं है। निगम परिषद की कार्यशैली को समझने में ही इन पार्षदों को लंबा समय लग सकता है।
ये हो सकते हैं अध्यक्ष पद के दावेदार
1. राजेश यादव- दूसरी बार पार्षद चुने गए हैं। शिक्षित होने के साथ दबंग छवि भी रखते हैं, महापौर के परिवार से होना भी उनके लिए प्लस पाइंट है।
2. सोमनाथ काले- बंडू भैया एक बार मनोनित पार्षद (एल्डरमैन) रह चुके हैं, पत्नी साधना काले पिछली परिषद में एमआइसी सदस्य रही है।
3. रामगोपाल शर्मा- गोपी भैया तीन बार के पार्षद रहे, एक बार निगम अध्यक्ष का दायित्व उठा चुके हैं। विधायक देवेंद्र वर्मा के नजदीकी भी है।
4. फिरोजा बी- दूसरी बार चुनाव जीतीं हैं, पति रियाज मार्शल पहले एमआइसी सदस्य रह चुके है। महिला महापौर होने से उनका दावा कमजोर हो सकता है।
5. आशीष चटकेले- पहली बार निगम में पार्षद चुने गए हैं, संघ से जुड़े और सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के करीबी है। महापौर के लिए पत्नी की दावेदारी भी थी।
प्रकाश यादव सबसे अनुभवी, लेकिन बागी
सदन में सबसे अनुभवी पार्षद के रूप में भाजपा से बगावत कर निर्दलीय जीत दर्ज कराने वाले प्रकाश यादव है। वे पांचवीं बार चुनाव जीते हैं। चुनाव के दौरान संगठन ने उनका निष्कासन भी किया था, लेकिन जीत के बाद उनकी वापसी संभव दिख रही है। महापौर परिवार से करीबी भी उनके हक में जा सकती है। यदि भाजपा में उनकी वापसी हुई तो अध्यक्ष पद भी तय माना जा रहा है।
ये होगा जातिगत समीकरण
निगम में सभी कार्यों के लिए अलग-अलग समितियां बनती है। मेयर इन काउंसिल (एमआइसी) में अध्यक्ष पद पर रहने वाले पार्षद को मंत्री माना जाता है। परिषद में एमआइसी के लिए 10 पद तय है, जिसमें तीन महिलाओं के लिए आरक्षित है। जातिगत समीकरणों के अनुसार एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक व सामान्य के बीच समन्वय बनाना होगा।
ये हो सकते है एमआइसी दावेदार
-एससी कोटे से उषा पंवार, वरुण विक्की बावरे, संतोष सारवान, मनीष सारसर
-एसटी कोटे से रामसिंह रावत, किरण गोयल, रोशनी गोलकर
-अल्पसंख्यक कोटे से फिरोजा बी मार्शल, सादिक बाठिया
-ओबीसी कोटे से अनिल विश्वकर्मा, सीमा यादव, सुनीता दीपक राठौर
-सामान्य कोटे से स्वाति साकल्ले, रानी शर्मा, वेदप्रकाश माली, अनिल वर्मा
ये पद भी रहेंगे प्रमुख
निगम की लेखा समिति, एमआइसी से अलग होती है, सत्ता पक्ष का पार्षद अध्यक्ष होगा।
जोन अध्यक्ष- शहर में 6 जोन है, सभी के लिए एक-एक अध्यक्ष होगा, जो अपने जोन में आने वाले वार्डों के पार्षदों का प्रमुख भी होगा।

खंडवा नगर निगम
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