scriptOutrage among villagers – राखड़ भरे ओवरलोड डंपरों के गुजरने से मार्ग जर्जर, ग्रामीणों में आक्रोश | Roads deteriorated due to Overload dumpers- Outrage among villagers | Patrika News

Outrage among villagers – राखड़ भरे ओवरलोड डंपरों के गुजरने से मार्ग जर्जर, ग्रामीणों में आक्रोश

locationखंडवाPublished: Sep 16, 2020 02:44:51 pm

Submitted by:

tarunendra chauhan

सिंगाजी ताप परियोजना के फेज वन राखड़ बांध से ठेकेदार डंपरों में करा रहा ओवरलोडिंग

Overload dumper

Overload dumper

खंडवा. सिंगाजी ताप परियोजना में फेज वन के दो राखड़ बांध हैं। यहां पर बिजली उत्पादन के बाद पाइपों के माध्यम से राखड़ पहुंचाई जाती है, जिसको समय-समय पर खाली भी कराना पड़ता है, लेकिन जिम्मेदार यह नहीं करा पा रहे हैं। इसके कारण 3 वर्ष पूर्व एनजीटी ने नियमों का पालन नहीं करने पर 5 करोड़ के लगभग पैनाल्टी लग चुकी है। फेज वन का तालाब क्रमांक एक आधे से ज्यादा भर चुका है और दो पूरी तरह से भरा हुआ है। फेज वन के तालाब से राखड़ डंपर में भरने के लिए टेंडर निकाल कर पावर जनरेटिंग कंपनी के द्वारा रात को मुफ्त में भरकर देना होता है, लेकिन कम लागत में टेंडर लेकर राखड़ बांध ठेकेदार अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर कमीशन का खेल कर रहा है।

जानकारी के अनुसार ठेकेदार यहां आने वाले डंपर को 200 से 1000 तक में दूसरे प्रदेशों से आने वाले डंपर को ओवरलोड भर कर दे रहे हैं। विभाग के जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। तौल कांटा ना होने का बोलकर पल्ला झाड़ लेते हैं और ठेकेदार कमीशन के चलते ओवरलोड भरकर माल दे रहा है। यह भी पता चला कि राखड़ बांध से भर कर जाने वाले डंपरो की जानकारी सुरक्षा विभाग के पास नहीं रहती। बाहर से आते हैं और भर कर चले जाते हैं।

धारकवाड़ी जलकुआं मार्ग खराब, ग्रामीणों में आक्रोश
राखड़ बांध जाने के लिए परियोजना मेन गेट से जलकुआं गेट होते हुए सीधा मार्ग है, लेकिन इस मार्ग में निर्माण कार्य होने के कारण यहां से वाहनों का निकलना प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसके कारण राखड़ बांध से आवागमन करने वाले ओवरलोड डंपर जलकुआं और धारकवाडी मार्ग का उपयोग कर रहे हैं। यह मार्ग पहले से ही कमजोर है और इस पर ओवरलोड डंपर चलने के कारण जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो गया है, सिजसे ग्रामीणों में आक्रोश है। जनपद सदस्य श्रीराम सावनेर, जलकुआं के सरपंच बापू पटेल, ग्रामीण जितेंद्र, महेश लाल, मुकेश और महेंद्र सावनेर का कहना है कि यह मार्ग कम क्षमता वाले वाहनों के लिए बना है और ओवरलोड डंपर के चलने के कारण बर्बाद होता जा रहा है। यही मार्ग हनुमंत्या पहुंचने का भी रास्ता है। अगर निर्माण कार्य चल ही रहा है तो परियोजना के अंदर से इन डंपरो को निकाल कर ले जाएं। इस मार्ग पर ओवरलोड डंपर का परिवहन बंद नहीं किया गया तो हम लोग रास्ता रोकने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

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