scriptशमशेर सम्मान से नवाजे गए लेखन के स्तंभ | Shamsher Samman program was held in Khandwa MP | Patrika News

शमशेर सम्मान से नवाजे गए लेखन के स्तंभ

locationखंडवाPublished: Dec 26, 2017 12:33:03 pm

शमशेर सम्मान…गौरीकुंज सभागार में हुआ आयोजन, अतिथि बोले- साहित्य के लिए खंडवा का दिल बड़ा संयोजक प्रो. कदम ने शमशेर सम्मान से जुड़े संस्मरण सुनाए।

Shamsher Samman program was held in Khandwa MP

Shamsher Samman program was held in Khandwa MP

खंडवा. लेखकों द्वारा लेखकों को दिए जाने वाले शमशेर सम्मान से लेखन के स्तंभ नवाजे गए तो 1994 से चली आ रही परंपरा में एक और नया अध्याय जुड़ गया। अतिथि बोले- साहित्य के लिए खंडवा का दिल बड़ा है। संयोजक ने शमशेर सम्मान से जुड़े संस्मरण सुनाए।
खंडवा के सिविल लाइन स्थित गौरीकुंज सभागार में शमशेर सम्मान समारोह हुआ। वर्ष 2015 व 2016 का शमशेर सम्मान क्रमश: हिंदी कविता के लिए हरीशचंद्र पांडे व एकांत श्रीवास्तव को दिया गया। अनवरत की पहल से हुए समारोह में वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना (लखनऊ) के मुख्य अतिथि थे। कवि व चिंतक असंग घोष ने अध्यक्षता की। जिला पंचायत सीईओ वरदमूर्ति मिश्र के हाथों सम्मान दिलाया गया। नरेश सक्सेना ने चंबल नदी पर कविता सुनाई तो उपस्थितजन को पसंद आई। घोष ने कहा कि साहित्य के लिए जगह सिकुड़ती जा रही है लेकिन खंडवा जैसे छोटे शहरों में ये अब-भी बरकरार है। संयोजक प्रो. प्रतापराव कदम ने शमशेर सम्मान से जुड़े संस्मरण सुनाए। बता दें कि 13 जनवरी 1911 को देहरादून में जन्मे शमशेर बहादुर सिंह आधुनिक हिंदी कविता की प्रगतिशीलत्रयी के एक स्तंभ के रूप में जाने जाते हैं। उन्हीं की याद में ये सम्मान समारोह हुआ।

राग व मिश्र नहीं आ पाए
सृजनात्मक गद्य के लिए पंकज राग व यतीन्द्र मिश्र को भी इस समारोह में सम्मान दिया जाना था लेकिन वे आ नहीं पाए। राग भारत सरकार मेंअधिकारी हैं और संसद सत्र तथा मिश्र पारीवारिक कारणों से नहीं आए हैं। इन्हें अलग से सम्मानित किया जाएगा।

डबराल को दिया गया था पहला सम्मान
1994 में मंगलेश डबराल को कविता के लिए पहला शमशेर सम्मान दिया गया था। इसके बाद से अलग-अलग शहरों सागर, इंदौर, भोपाल, नई दिल्ली, इंदौर, भिलाई, पटना, लखनऊ , बरेली और खंडवा में समारोह आयोजित कर ये सम्मान दिया गया है। बता दें कि वर्ष 2001 से कविता के साथ ही सृजनात्मक गद्य के लिए भी ये सम्मान दिया जाने लगा है। आयोजन में शामिल हुए कवियों ने कविता पाठ भी किया। बता दें कि 1995 में सागर में राजेश जोशी, 1996 में इंदौर में विजय कुमार से लेकर 2013 में बरेली में सुधीर विद्यार्थी को शमशेर सम्मान से नवाजे जाने के बाद अब तक ये दौर अनवरत है।
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