शनिश्चरी अमावस्या: सुबह से शाम तक दिखा मंदिर में भक्तों का सैलाब
शनिश्चरी अमावस्या पर शहर के प्राचीन शनि मंदिर में शनिवार को भक्तों का सैलाब दिखा।
खंडवा
Published: April 30, 2022 10:19:22 pm
खंडवा. शनिश्चरी अमावस्या पर शहर के प्राचीन शनि मंदिर में शनिवार को भक्तों का सैलाब दिखा। यहां अल सुबह से देर शाम तक शनिदेव की प्रतिमा पर सरसों का तेल और उड़द के दाने भक्त लगातार प्रवाहित करते रहे। मिली जानकारी के अनुसार सुबह से शाम तक करीब 2 क्विंटल से अधिक तेल से भक्तों ने भगवान का अभिषेक किया। बता दें कि शहर का प्राचीन शनि मंदिर चमत्कारिक और मनोकामना पूर्ण करने वाला मंदिर माना जाता है। मंदिर के इतिहास के बारे में दीपक शर्मा उर्फ राजू पिता मदन लाल शर्मा ने बताया कि उनकी सातवीं पीढ़ी शनिदेव की सेवा कर रही है। 125 साल पहले राजस्थान से उनके पूर्वज छीतरमल पोखरमल खंडवा आए। वह शनि महाराज के भक्त थे। खंडवा में शनिमंदिर नहीं था। वह जयपुर गए और बैलगाड़ी से लौटे तो शनिदेव की प्रतिमा ले आए।
संस्थापक के साथ यह हुआ चमत्कार
मंदिर के पुजारी बबलू महाराज ने बताया कि रास्ते में उन्हें कुछ भी सुनाई देना बंद हो गया। केवल भगवान की धार्मिक धुनें ही कानों में गूंजती रहीं। मतलब वह शनिदेव के प्रति एकाग्र हो गए। पूजन व प्रतिमा की स्थापना की। उस समय भवानी माता मंदिर ही था। उसी वक्त से आज तक शनि देव की पूजा और मंदिर की देखभाल उनका परिवार कर रहा है।
तीन बार लगती है भारी भीड़
मंदिर में साल में लगभग 3 बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। शनि जयंती धूमधाम से मनाई जाती है, जिसमें बाहर से भी लोग आते हैं। शनिचरी अमावस्या होने पर भीड़ बढ़ जाती है। विशेष अवसरों पर सुबह 5 बजे से दोपहर 4 बजे तक श्रद्धालु अपने हाथों से मुख्य प्रतिमा पर तेल चढ़ा सकते हैं। इसके बाद भगवान का श्रंगार होता है और पूजन आरती भी होती है।
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Shanishchari Amavasya why it's so special
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