दो वर्ष बाद शहर में बन रही गणेश प्रतिमाएं, बारिश से पिछड़ रहा निर्माण
खंडवाPublished: Aug 17, 2022 11:40:50 pm
खुली जगह पर रखी प्रतिमाओं को बारिश से बचाने तिरपाल से ढंकना पड़ रहा
बड़वानी. भादौ माह के तहत अगस्त माह के अंतिम दिन से प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की धूम शुरू होगी। गणेश चतुर्थी को लेकर शहर में दो वर्ष बाद श्रीगणेश प्रतिमाएं बनाने का कार्य जारी है। हालांकि रूक रूककर हो रही बारिश से प्रतिमा निर्माण कार्य पिछड़ रहा हैं। प्रजापत समाजजनों के अनुसार इस समस्या के चलते डिमांड के मुताबिक प्रतिमाएं समय पर तैयार करना चुनौती बन रहा है।
शहर के धोबडिय़ा तालाब के समीप इन दिनों मार्ग किनारे गणेश प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। बीते दो वर्ष के मुकाबले इस बार प्रतिमाओं की ऊंचाई 5 से 6 फीट तक हैं। हालांकि बारिश होने से समाजजनों को प्रतिमाएं रखने, निर्माण करने, सूखाने में दिक्कतें आ रही है। सांचे से निकली प्रतिमाएं घरों के बाहर ही तिरपाल से ढंककर रख रहे है। बारिश होने से इनकी नमी दूर नहीं हो पा रही है। वहीं घरों में रखी प्रतिमाओं को सूखने के बाद रंग-रोगन भी जारी हैं।
बरहाल इस बार 6 इंच से लेकर 5-6 फीट तक की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। इस बार विभिन्न स्वरूपों में गणेश प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र रहेगी। इसमें मुख्य रुप से भोला शंभू, लाल बाग का राजा, राम दरबार, कृष्ण कन्हैया, राधाकृष्ण जैसे स्वरुप में श्रीगणेश नजर आएंगे।
भोला शंभू, लाल बाग जैसे स्वरूप रहेंगे
प्रतिमा बनाने वाले गोकूल प्रजापत ने बताया कि वर्षांे से इस कार्य को कर रहे हैं। घर की आजीविका इसी पर निर्भर हैं। वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान प्रतिमाएं नहीं बना सके। सिर्फ एक फीट की प्रतिमाएं ही बनाई थी, जिसका मेहतना तक नहीं निकल पाया था। वहीं बीते वर्ष भी कोरोना काल के चलते पूर्व के स्टॉक की प्रतिमाओं को रंग-रोगन कर बेचना पड़ा था। ऐसे में लगातार दो वर्ष से गणेशजी, दुर्गा माता की प्रतिमाओं का निर्माण नहीं कर सके थे। इस वर्ष कोरोना संक्रमण का खतरा खत्म हो गया हैं, लेकिन प्रतिमा निर्माण में सतत बारिश बाधा बन रही हैं। कच्ची प्रतिमाएं सूख नहीं पा रही हैं। ऐसे में कम से कम सप्ताहभर तक मौसम खुलना चाहिए। धूप निकलने पर कच्ची प्रतिमाएं सूखेंगी।