मां की मौत की खबर सुन 1800 किमी का सफर तय कर खंडवा पहुंचा बेटा
सड़क हादसे में हुई थी मां की मौत, बिहार से वणी जाने के बाद आया बेटा, इंतजार में तीन दिन रखा रहा शव
खंडवा
Published: May 30, 2022 11:23:18 am
खंडवा. ओंकारेश्वर दर्शन करने के लिए बैतूल से बेटी, भतीजे और भतीजी के साथ कार में जा रही महिला सड़क हादसे का शिकार हो गई। कार पलटने से महिला की मौत हो गई और दो युवतियों को गंभीर चोट आई। 25 मई को हुए इस हादसे के बाद बिहार में रहने वाले मृतका के बेटे को पुलिस ने खबर दी। यहां स्थानीय रिश्तेदार शव की सुपुर्दगी लेने से पीछे हट गए तो शव तीन दिन तक मरच्युरी में ही रखा रहा। मां की मौत की खबर सुन बेटा 26 मई को ही बिहार से रवाना हो गया था। पत्नी और बच्चों को महाराष्ट्र के वणी में छोड़ने के बाद वह 28 मई की शाम 6 बजे खंडवा के जिला अस्पताल पहुंचा। यहां आने के बाद भी उसे मां के अंतिम दर्शन के लिए 14 घंटे मरच्युरी के बाहर ही इंतजार करना पड़ा।
यह है मामला
वणी जिला यवतमाल निवासी पुष्पा पत्नी जोगेन्द्र सिंह (55) अपनी बेटी निक्की उर्फ निकिता (27), भतीजा अभिषेक सिंह (27), भतीजी पिंकी (29) के साथ कार में सवार होकर 25 मई को निकली थीं। यह सभी बैतूल से ओंकारेश्वर जा रहे थे। देसली गांव के पास अचानक इनकी कार पलट जाने से पुष्पा, पिंकी और निकिता को खंडवा जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने पुष्पा को मृत घोषित कर दिया और दोनों युवतियों को रेफर कर दिया। मृत्यु की सूचना अस्पताल में मौजूद रहे अभिषेक के अलावा पुलिस ने मृतका के पुत्र सन्नी सिंह को फोन पर दी।
फोन आते ही रवाना हुए
मृतका के पुत्र सन्नी का कहना है कि उनके पास एएसआइ जाधव का फोन 26 मई को आया। मां की मृत्यु की खबर सुनते ही वह परिवार को लेकर रवाना हो गए। साथ में महिला थी इसलिए 1200 किमी की दूरी तय कर उसे पहले वणी छोड़ा फिर वहां से 600 किमी खंडवा तक आए। आने से पहले भी पुलिस को सूचना दी थी कि पहुंचने वाले हैं। बकौल सन्नी, शनिवार 28 मई की शाम 6 बजे वह यहां आ चुका था।
खंडवा में किया अंतिम संस्कार
मृतका के पुत्र सन्नी का कहना है कि उसने पुलिस से निवेदन किया था कि अस्पताल में जो भी रिश्तेदार हैं, उन्हें शव सुपुर्द कर दिया जाए। सन्नी को बिहार से खंडवा आने में समय लगता इसलिए उसने पुलिस को शव सुपुर्दगी के लिए कहा था, लेकिन रिश्तेदारों ने पुलिस शव नहीं लिया। ऐसे में तीन दिन शव रखा रहा। सन्नी के साथ उसके रिश्तेदार बैधनाथ सिंह समेत अन्य यहां पहुंचे थे। रविवार 29 मई को शव सुपुर्दगी के बाद पुष्पा के शव का अंतिम संस्कार खंडवा में ही करने के बाद परिजन रवाना हो गए।

Son reached Khandwa after hearing the news of mother's death
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